उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। दीपावली को लेकर कुम्हारों की चाक ने रफ्तार पकड़ ली है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मिट्टी के दीयों से बाजार सजा नजर आएगा। कुम्हारों के घरों में पुरुषों के साथ साथ महिलाएं व बच्चे सब मिलकर दिनरात मेहनत करके मिट्टी के दीयों के साथ साथ मिट्टी की ग्वालिन व गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं बनाकर तैयार करने में जुटे हुए हैं।
दीपावली में मिट्टी के दीये में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। जिसको लेकर हमीरपुर के रहुनियां धर्मशाला के पास रहने वाले कुम्हार परिवार के लोग मिट्टी की दीये बनाने में जुट गए हैं। बीते एक माह से इनके घरों में मिट्टी के दीये बनाने का काम चल रहा है। लेकिन त्योहार नजदीक आते ही इनकी चाक ने रफ्तार पकड़ ली है और दिनरात मेहनत करते इनके द्वारा हजारों दीये तैयार किए जा रहे हैं जो दीपावली के मौके पर घरों में रोशन होगें। मिट्टी के दीये के साथ साथ ग्वालिन व गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाओं में भी रंग रोगन का काम चल रहा है। महिलाएं इस रंग रोगन के काम में लगी हुई है। हमीरपुर के साथ साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इनकी बिक्री होती है। जिसको लेकर आर्डर पर भी मूर्तियां और दीये तैयार किए जा रहे हैं।
इस वर्ष कारोबार अच्छा होने की संभावना, दुकानदारों में खुशी
हमीरपुर के रहुनियां धर्मशाला निवासी रवि प्रजापति ने बताया कि उनके घर में बीते 20 दिनों से मिट्टी के दीये बनाने का काम किया जा रहा है। उनके द्वारा अभी तक करीब 20 हजार दीये तैयार कर लिए गए हैं। जो हमीरपुर की दुकानों के साथ साथ आसपास की ग्रामीण क्षेत्रों में बिकने को जाएंगें। वहीं दिनेश कुमार प्रजापति ने बताया कि उनके यहां करीब दो माह से दीये के साथ साथ ग्वालिन व गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं बनाने का काम किया जा रहा है जो अंतिम चरण में है। उनके यहां करीब दो लाख दीये तैयार किए गए हैं। इस बार अच्छा कारोबार होने की संभावना दुकानदारों में दिखाई दे रही है।