रासलीला में कलाकारों ने मोहा मन, महायज्ञ के अंतिम दिन उमड़ी भीड़

हमीरपुर। पौथिया गांव स्थित बाबा ध्यानीदास आश्रम में विष्णु महायज्ञ के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर यज्ञवेदी की परिक्रमा की। कथा वाचक बाल व्यास वैंकटेश महाराज ने सुदामा और परिक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। वहीं कलाकारों के द्वारा शानदार झांकियां प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोहा गया।
कथा वाचक ने कहा कि सुदामा जी जितेन्द्रिय एवं प्रभू श्री कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते थे। पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश है। उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारिकाधीश पहुंचते हैं और जब द्वारपाल प्रभू श्री कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का एक ब्राम्हण आया है तो श्री कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौड़ कर आते हैं और सुदामा जी को गले लगा लेते हैं। उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण की आंखों से आंसुओं से धारा प्रवाहित होने लगती है। कथा सुन श्रोता भावविभोर हो उठे। वहीं रासलीला कर रहे कलाकारों ने रात में अंतिम दिन सांस्कृतिक गीतों एवं नंदी बाबा, राधा कृष्ण, शिव तांडव नृत्य से दर्शकों को प्रफुल्लित कर जम कर तालियां बटोरीं। इस मौके पर प्रधान वंदना सचान, लल्लू महाराज, चंद्रपाल सचान, योगेश सचान, पुरषोत्तम, प्रेमसोनकर, पीयूष शुक्ला समेत अन्य लोग मौजूद रहे। प्रधान प्रतिनिधि आशीष सचान ने बताया 31 मई शनिवार को हवन-पूजन के बाद संत भोज व भंडारा होगा।