डरावनी हवाई यात्राएं कैसे बनें सुगम — डॉ0 रमेश ठाकुर
एविएशन इंडस्ट्री के लिए वर्ष-2024 का गुजरा अंतिम महीना दिसंबर किसी बड़े सदमें से कम नहीं रहा। ऐसा जख्म देकर विदा हुआ, जो शायद कभी भर न पाए। दिसंबर की पहली तारीख से लेकर 29 तारीख के दरम्यान दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 6 बड़े विमान हादसे हुए जिनमें 234 यात्रियों की मौतें और 56 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसलिए, कह सकते हैं कि विमान हादसों के लिहाज से बीता वर्ष बड़ा मनहूस गुजरा। बड़े हादसों में ईरान, नेपाल, कनाड़ा और पिछले ही सप्ताह दक्षिण कोरिया में विमान ‘जेजू एयर बोइंग 737-800’ हादसा हुआ । इन हादसों ने ऐसे गहरे घाव दिए, जो जल्द नहीं भर पाएंगे। खैर, जो बीता, उसे कुदरत की मेहरबानी मानकर कड़वी यादों के रूप में भुलना होगा। पर, उग चुके नए वर्ष-2025 में न सिर्फ भारत, बल्कि समूचे संसार के उड्डयन यंत्र और हुकूमतों को सुरिक्षत हवाई यात्राओं के प्रति सामुहिक रूप से संकल्पित होना पड़ेगा। क्योंकि हवाई हादसे अब रेल दुर्घटना जैसे होते जा रहे हैं?
गौरतलब है, लगातार बढ़ते विमान दुर्धाटनाओं ने हवाई यात्रा करने वाले लोगों के मन मस्तिष्क में गहरा डर बिठा दिया है। बीते दिनों कुछ घंटों के अंतराल में हुए दो भयानक और दर्दनाक विमान हादसों ने पूरे संसार को झकझोर दिया। दक्षिण कोरिया के हवाई हादसे में रिकॉर्ड 179 यात्रियों की मौत हो गई। वहीं, कनाडा के हैलिफैक्स हवाई अड्डे पर भी डरावना हादसा होते-होते बचा। हालांकि उसमें गनीमत ये रही है कि कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। समय रहते उड्डयन सेक्टर के सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया और सभी यात्रियों को जलते विमान से बाहर खींच लिया। विमान लैंडिंग के वक्त धूं-धूं कर तेजी से चलने लगा। पिछले एक दशक से विमान हादसों में कमी के जगह बढ़ोतरी ही हुई है। सुरक्षित और सुगम हवाई यात्राओं के दावे सभी देशों की एविएशन इंडस्ट्री जोरशोर से करती हैं। लेकिन उनके ये हवा-हवाई दावे उस वक्त फुस्स होते हैं। जब, कहीं से विमान दुर्घटनाओं की खबरें आ जाती हैं।
बीते वर्ष-2024 की हवाई हदासों की टाइमलाइन देखें, तो रोंगटे खड़े होते हैं। ऐसा कोई महीना सूखा नहीं बिता, जब कहीं न कहीं से कोई विमान से जुड़ी घटना की खबर न आई हो? पिछले 12 महीनों में 12 प्लेन क्रैश दुनिया में हुए। सरकारी आंकड़ो के मुताबिक उन हादसों में 434 लोगों अपनी जानें गंवाई। पिछले साल ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी प्लेन हादसे का शिकार हुए। पिछले 7 साल में हुए विमान हादसों की पड़ताल करें, तो आंकड़े और भी भयभीत करते हैं। मात्र 84 महीनों के भीतर कुल 813 हादसे पूरे संसार में दर्ज हुए, जिनमें मौतों का आंकड़ा 1473 लोगों का रहा है। घायल भी बहुतेरे हुए। इन सभी हादसों की जांचें भी करवाई गईं। पर, सभी हादसों में खामियां कमोबेश एक जैसी ही सामने आईं। अव्वल, कारण तो पक्षियों का टकराना बताया और दूसरा कारण विमानों का टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान टायर फटना बताया। एविएशन की इंटरनल रिपोर्ट की मानें तो पिछले ही साल 109 ऐसी दुर्घटनाएं हुई, जिनमें से 37 टेक ऑफ और 30 लैंडिंग के दौरान घटी।

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