कानपुर नगर उपदेश टाइम्स
विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी भारतीय दलित पैंथर, उत्तर प्रदेश व सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन मैकरावर्टगंज प्रांतीय कार्यालय भारतीय दलित पैंथर, कानपुर नगर में किया गया, जहां पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते हुए अतिथिगणों ने लोगों को बताया कि भारत गणराज्य लोकतांत्रिक देश है जिसमें सभी व्यक्तियों में भाषा, खान-पान और रहन-सहन की विभिन्नताओं के बाद भी एकता के सूत्र में बंधकर रहते है इस देश की एकता का मूल कारण इस देश का संविधान है, जिसे परम् पूज्य डॉ० बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में तैयार किया गया है बाबा साहब द्वारा रचित संविधान में सभी को मौलिक अधिकार दिये गये व्यक्ति की अभिव्यक्ति व स्वतंत्रता का पूर्ण ध्यान रखा गया है सामाजिक रूप से उपेक्षित वर्गों को भी संविधान के द्वारा समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये आरक्षण की व्यवस्था की गई सामाजिक रूप से पिछड़े अनुसूचित जाति व जनजाति के वर्गों को सामाजिक प्रतिनिधित्व के तौर पर आरक्षण दिया गया जिससे यह सभी वर्ग समाज की मुख्य धारा में आकर आर्थिक व सामाजिक तरक्की कर देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा सके क्योंकि किसी देश का पूर्णतया विकास तब तक सम्भव नही है जब तक अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को समाज की मुख्य धारा में न लाया जायें अतिथिगणों में मुख्य रूप से राजाराम पाल (पूर्व सांसद), प्रोफ़ेसर वीएन पॉल, पवन गुप्ता, अवनीश सालूजा, कुलदीप संखवार (पूर्व राज्यमंत्री) अशोक कुमार, मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी, सरदार हरविन्दर सिंह लॉर्ड,पास्टर जितेन्द्र सिंह, साजिद सर, पास्टर सैमुएल सिंह जी व अशोक कुमार गौतम (वैज्ञानिक) आदि ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारतीय संविधान लोकतांत्रिक देश का सबसे बड़ा ग्रन्थ है जिसमें सम्पूर्ण राष्ट्र की निष्ठा निहित है भारतीय संविधान की प्रस्ताव में न्याय, स्वतंत्रता और समानता को सुरक्षित करने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता करने का मुख्य उद्देश्य है। भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने अपनाया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था यह दुनिया के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है कार्यक्रम का आयोजन प्रमुख रूप से प्रेमीजी बौद्ध, रामनरेश, शैलेन्द्र कुमार, बलराम सिंह, जीडी सोनकर, प्रशान्त गौतम, विनोद अम्बेडकर, श्रवण कुमार, इंजीनियर कोमल सिंह, हाजी वसीक, अशोक कुमार, राधेश्याम भारती, गौरी शंकर कोरी, राजेश गौतम, विनोद पाल, नीरज एडवोकेट आदि लोगों के नेतृत्व में किया गया।