डायरिया नेट जीरो प्रोजेक्ट के दो दिवसीय प्रशिक्षण से जनपद को मिलेगा लाभ

उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत रैकिट इण्डिया द्वारा संचालित डायरिया नेट जीरो प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण से लौटे जिला समन्वयक ने कहा कि इस प्रशिक्षण से जिले में दस्त रोग प्रबंधन में सहयोगी मिलेगा। प्रशिक्षण में 0 से 6 साल तक के बच्चो में डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को जीरो करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सात सूत्रीय कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 40 जिलों के 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। जनपद की टीम से जिला समन्वयक अजीत कुमार, ब्लाक समन्वयक सत्येन्द्र अग्रवाल और गुलाबी दीदी हूरबानो व शीलता देवी ने प्रतिभाग किया था।
जिला समन्वयक अजीत कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का शुभारंभ रेकिट के डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स रवि भटनागर और पहल के निदेशक साहिल तलवार ने संयुक्त रूप से किया था। रवि भटनागर ने अपनी 10 वर्षों की सफल यात्रा के साथ कार्यक्रम के उद्देश्य और डायरिया के प्रभाव को कम करने तथा स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। साहिल तलवार ने डायरिया को बच्चों की प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बताकर इसके नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय करने की आवश्यक बताई। प्रशिक्षण में विशेषज्ञ वक्ता आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. नरेंद्र सैनी,डा.विकास राजपूत, डा.विवेक चौहान,एजेवाईएस के निदेशक बिधू भूषण पांडा, ग्रीन स्पर्श फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र सिंह जाखड़ ने डायरिया की रोकथाम के लिए विभिन्न उपायों और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की। ब्लॉक समन्वयक सत्येन्द्र अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश लीड कर रहे हैं। स्टेट हेड कमलेश एवं स्टेट टीम के प्रवीण कुमार की देखरेख में डीएनजेड प्रोजक्ट प्रदेश के 40 जनपदों में संचालित हो रहा है। बताया कि जनपद के मौदहा ब्लॉक के 50 ग्राम चिन्हित किए गए हैं। जिसमें 0 से 6 वर्ष के बच्चों के प्रत्येक परिवारों तक पहुंच कर साफ सफाई स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए दस्त प्रबंधन की जानकारी देने का लक्ष्य शामिल है।