विरक्त आश्रम में पारस पीपल पौधे का रोपण कर स्वामी गिरिशानंद ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। भरुआ सुमेरपुर कस्बे के एक गार्डेन में प्रवचन के लिए पधारे संत स्वामी गिरिशानंद महाराज एवं स्वामी डा.मुक्तानंद पुरी महाराज ने ब्रह्मलीन संत रोटीराम महाराज की समाधि प्रांगण में पारस पीपल का पौधरोपित करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ब्रह्मलीन संत स्वामी रोटीराम महाराज नागास्वामी जी के कृपा पात्र शिष्य स्वामी गिरिशानंद महाराज ने अलवर राजस्थान के संत स्वामी डा. मुक्तानंद पुरी जी महाराज के साथ रविवार को स्वामी जी के समाधि स्थल पहुंचकर उनकी मूर्ति में माल्यार्पण करके पूजन अर्चन करके अंगवस्त्र अर्पित किए। इसके बाद उन्होंने समाधि प्रांगण में पारस पीपल का पौधा रोपित करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण समिति के साथ शिष्यों को संबोधित करते हुए गिरिशानंद जी महाराज ने कहा कि स्वामी रोटीराम महाराज ईश्वर के स्वरूप थे। उन्हें मां गायत्री का आशीर्वाद प्राप्त था। वह मां के अनन्य उपासक थे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण समिति के कार्यों की सराहना करते हुए समिति के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्वामी सुखानंद महाराज,स्वामी जगन्नाथ महाराज,रामायणी रामानुज दीक्षित,राजेश सिंह,श्यामबाबू मिश्रा,सौमित्र सिंह,महेश गुप्ता दीपू,अनुज शिवहरे, पर्यावरण संरक्षण समिति के संरक्षक एम.खान,सचिव राजेश सहारा,राखी शिवहरे, उषा गुप्ता,सिद्दीक मंसूरी,डा देवीदीन अविनाशी,प्रकाश बाबू शिवहरे,सोनू गुप्ता,विनोद अवस्थी आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।