समाज सुधारक और बहुजन समाज के मसीहा मान्यवर कांशीराम की जयंती की बहुत बहुत बधाई देश वासियों को दी डा. धीरेन्द्र माथुर
कांशीराम (15 मार्च 1934 – 9 अक्टूबर 2006), जिन्हें बहुजन नायक या मान्यवर के नाम से भी जाना जाता है , एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे, जिन्होंने पिछड़ों, बहुजनों के उत्थान और राजनीतिक एकजुटता के लिए काम किया । या भारत में जाति व्यवस्था के निचले भाग में अछूत समूहों सहित निचली जाति के लोग । इस उद्देश्य से, कांशीराम ने 1971 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4), अखिल भारतीय पिछड़ा (एससी/एसटी/ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ ( बामसेफ ) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी ) की स्थापना की। ) 1984 में। उन्होंने बसपा का नेतृत्व अपनी शिष्या मायावती को सौंप दिया, जो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में चार बार सेवा कर चुकी हैं ।कांशी राम पुणे में विस्फोटक अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला के कार्यालय में शामिल हो गए । इसी समय उन्हें पहली बार जातिगत भेदभाव का अनुभव हुआ और 1964 में वह एक कार्यकर्ता बन गये। जो लोग उनकी प्रशंसा करते हैं, उनका कहना है कि वह बीआर अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ कास्ट को पढ़ने और एक दलित कर्मचारी के खिलाफ भेदभाव को देखने के बाद इस ओर प्रेरित हुए थे, जो अंबेडकर के जन्म के उपलक्ष्य में छुट्टी मनाने की इच्छा रखता था। कांशीराम बीआर अंबेडकर और उनके दर्शन से काफी प्रेरित थे। कांशीराम जी कहना था कि आज समाज के नेता जो बहुजन समाज का वोट से जीतकर सदन पहुँच जाते हैं पर उनकी आवाज नही उठाते हैं बस ऊँचे जाति के लोगों के कठपुतली बन के रह जाते है ऐसे लोग समाज को धोखा देते हैं बहुजन समाज को अपने वोट का सही प्रयोग करना चाहिए औऱ अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए कांशीराम बाबा साहब के बाद के ऐसे समाज सुधारक हुए जिन्होंने ने बहुजन और शोषित समाज की आवाज बने आंदोलन किया शासन के और उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ ! आज के परिवेश में बाबा साहब जैसा और कांशीराम जैसे समाज सुधारक की जरूरत हैं क्योंकि आज के बहुजन नेता विधायक एमपी बन जाते है पर अपने समाज की आवाज नहीं उठा पाते हैं डरते हैं यहीं हाल बहुजन समाज के कर्मचारियों औऱ अधिकारियो में हैं जब तक नौकरी में हो गये तब तक समाज के लिए कुछ नहीं करने की हिम्मत करते है सब को बाबा साहब से और मान्यवर कांशीराम जी से सीखना चाहिए जो अपना सब कुछ छोड के बहुजन सामाज के लिए किया जय भीम