बहू बोली, मेरा वनवास अभी खत्म नहीं हुआ, पति समेत ससुरालियों का दशहरे में फूंका पुतला
उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। भगवान श्रीराम का वनवास चौदह साल में खत्म हो गया था, मेरा नहीं हुआ। शादी के बाद से ससुरालियों के उत्पीड़न और पति की बेवफाई से आहत एक महिला ने दशहरे के दिन सास-ससुर, ननद, पति और पति के साथ लिव इन रिलेशन में रहने वाली महिला के पुतले बनाकर आग के हवाले कर दिए। यह अनोखा विरोध चर्चा का विषय बन गया। धू-धूकर आतिशबाजी के साथ जलते पुतले सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हो रहे हैं। पीड़िता ने सरकार से भी न्याय की गुहार लगाई है।
जनपद के मुस्करा कस्बे का है। मूलरूप से उरई निवासी प्रियंका दीक्षित 14 साल पूर्व ब्याहकर मुस्करा कस्बा आई थी। प्रियंका के अनुसार उसकी शादी मुस्करा निवासी संजीव दीक्षित से हुई थी। लेकिन पति के उसकी बहन की सहेली से रिश्ते थे। कुछ ही दिन में इन रिश्तों का खुलासा हो गया और यहीं से प्रियंका की शादीशुदा जिंदगी नरक में तब्दील होनी शुरू हो गई। बकौल प्रियंका उसका उत्पीड़न शुरू हो गया। सास-ससुर और यहां तक कि ननद भी जानती थी कि संजीव के रिश्ते एक अन्य महिला से हैं। बजाए पति को समझाने के उक्त लोगों ने उसी का उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। उसका ससुराल में रहना मुश्किल हो गया। उसे मायके की शरण लेनी पड़ी। ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा लिखाया। सालों साल कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाए। पति तलाक का मुकदमा हार गए, लेकिन कोर्ट के आदेशों का आजतक पालन नहीं हुआ है। प्रियंका ने बताया कि चौदह साल में भगवान श्रीराम का वनवास खत्म हो गया, लेकिन उसका वनवास अभी खत्म नहीं हुआ है। ससुरालियों ने उसे संपत्ति से भी बेदखल कर रखा है। रावण एक पराई स्त्री को उठा लाया था, जिसके आज भी पुतले जलते हैं, लेकिन समाज में उसके पति जैसे रावण आराम से रह रहे हैं। पीड़ित प्रियंका ने शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।