कई प्राइवेट स्थानों पर ₹1200, 1700 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से उसका पैसा लिया जाता है:पार्षद कौशिक बाजपेई

कानपुर, रजत बाजपेई फूलबाग से लगे हुए हरबंस मोहाल वार्ड का पार्षद हूं और जबसे केडीए के फूलबाग में बॉक्स क्रिकेट का निर्माण हुआ है मेरे क्षेत्र में नौजवानों में खुशी की लहर है मेरे क्षेत्र के बड़ी संख्या में नौजवान वहां उसका फायदा उठा रहे है। पूर्व में यह खेल बहुत लोकप्रिय हो गया था परंतु अतिरिक्त महंगा होने के कारण नौजवान चाह कर भी उसका उपयोग नहीं कर पाते थे। कई प्राइवेट स्थानों पर ₹1200, 1700 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से उसका पैसा लिया जाता है। यहां तक की जो सरकारी नगर निगम के TSH वहां उसकी दर ₹2000 प्रति घंटा के हिसाब से ली जाती । जो भी सरकारी सुविधा बनाई गई हैं जो जो स्मार्ट सिटी द्वारा शास्त्री नगर में फुटसेल का निर्माण कराया गया हो। चाहे नानाराव पार्क में स्विमिंग पूल का निर्माण कराया गया हो। चाहे महोत्सव पंडाल हो। चाहे पार्कों की एंट्री फीस हो। चाहे ग्रीन पार्क के अंदर रेस्टोरेंट निर्माण कराया गया हो, सभी सरकारी जमीनों पर यदि इसका निर्माण कराया जाता है तो उसके रखरखाव देखभाल के लिए कुछ ना कुछ शुल्क लिये जाने की आवश्यकता होती है।
मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से अवगत हुआ है, किसी व्यक्ति ने जो व्यक्ति नियमित रूप से केडीए का पेशेवर शिकायत करता है। इसको लेकर के मेरे क्षेत्र की नौजवानों में आक्रोश है हम चाहते हैं ऐसे लोगों की शिकायतों का संज्ञान ना लिया जाए। क्योंकि जो मुझे अवगत हुआ है फूल बाग में बॉक्स क्रिकेट बनाने की एनओसी मांगी गई थी तब उसमें यह बताया गया था फूल बाग की लीज किसी प्राइवेट प्राइवेट कंपनी को रखरखाव के लिए पहले से दी जा चुकी है इसकी लीज पीरियड बकाया है। तो इससे हमारे क्षेत्र के नौजवानों को कोई आपत्ति एवं कष्ट नहीं है। बल्कि वह प्रसन्न है एक अच्छे माहौल में, अच्छे मोस्टफेयर में खेल की सुविधा मिल रही है। वो फूल बाग जो शाम को वीरान हो जाया करता था वह फूल बाग अब बच्चों की किलकारियों से नौजवानों की हंसी से गुलजार हो रहा है। कई बार वहां अच्छी संख्या में लोगों ने आकर के वहां पर परिवार के साथ इंजॉय किया है। लोगों ने सराह है।
आपसे अनुरोध करता हूं इस तरह की अनर्गल शिकायतों का संज्ञान लेने के बजाय इस तरह की अन्य सुविधाएं विकसित करने की ध्यान दिया जाए।
यदि कोई भी आम व्यक्ती 25 से 30 लोग फूलबाग मैच खेलने गए तो पैसा 600 रुपये लगता है कुछ लोग सिर्फ पब्लिक को परेशान करके जबरन अधिकारीयो पर गलत रिपोर्टिंग कर के जनता के हितों का नुकशान करके सिर्फ अपना भला कराना चाहते हैं जो कि पूरी तरह से गलत है