तेरा हुआ हमें अहसास का ये सुख सभी ने पाया

कविता –
हे ईश्वर तुने हमें यह जहांन नसीब कराया,
हे सूरज तुने हमें रौशनी व ऊर्जा प्रदान की,
हे चन्द्रमा तूने शीतलता दी प्यार का पाठ पढ़ाया,
हे प्रकृति तूने हमें हरियाली दी, औषधि, फल-फूलों
के साथ बहती नदियां, झरने, तालाब, अन्य स्त्रोतों
से तनमन की प्यास बुझा, विशाल पर्वतों, वादियों
की सुंदरता से निर्मल मन का सुंदर बागवान सजाया,
बताएं अनगिनत ज्ञान का विशाल अनुभव प्रकृति के
साधन से ही तो हमें मिला उसका धन्यवाद, आभार
ईश्वर प्रदत्त साधनों के लिए, दिन-रात व सभी मौसमों
के लिए इन्हीं ईश्वर को देता हूं जिसमें मानव व अन्य
प्राणियों का जीवन विचरता हैं, हरेक को यह उपकार
मानना चाहिए, हमें संसार सागर की उपलब्धता पाने
का अधिकार तो है ही, धन्यवाद, शुक्रिया, आभार प्रकट
करने की इच्छा रखनी चाहिए, हमें ईमानदारी रखना है,
नुगरा नहीं बनना है, प्रदत्त साधनों के प्रदाता आप धन्य
है, आपकी वजह से जीवन सहज-सरल-सुगम हैं,
हे सर्वशक्तिमान आप ही जीवन है आपकी जय हो,
कोटिश: प्रणाम ओ ऊपर वाले सभी तेरी माया,
तेरा हुआ हमें अहसास का ये सुख सभी ने पाया।।
– मदन वर्मा ” माणिक ” इंदौर, मध्यप्रदेश
दिनांक 5.12.2024