साइबर थाना पुलिस व थाना रनियां पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तगण को ऑनलाइन ठगी के मामलें में एन्ड्रॉयड मोबाइल सहित किया गया गिरफ्तार
गिरफ्तारशुदा एक शातिर साइबर अपराधी एसटीएफ से विगत डेढ वर्ष से साइबर अपराध के मुकदमें में चल रहा था वांछित।गिरफ्तारशुदा शातिर साइबर अपराधी पर घोषित था 25000/- रुपये का पुरस्कार
कानपुर देहात (आर सी मिश्रा )
अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर, आलोक सिंह व पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानपुर रेन्ज, कानपुर, जोगेन्द्र कुमार के कुशल मार्गदर्शन में पुलिस आधीक्षक कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति के निर्देशन में जनपद कानपुर देहात में अपराध नियन्त्रण की दिशा में साइबर अपराधों की रोकथाम व खुलासे हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के क्रम में, साइबर थाना पुलिस व थाना रनियां पुलिस टीम द्वारा दिनांक 10.10.2024 समय 21.20 बजे राजेन्द्रा पुल के पास चेकिंग की जा रही थी कि तभी मुखबिर ने सूचना दी कि 02 व्यक्ति धन्जुआ गाँव से आ रहे हैं जो लोगों के साथ साइबर ठगी करते हैं। उक्त सूचना पर पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए धन्जुआ फ्लाइओवर रोड से लगभग 300 मीटर धन्जुआ रोड पर दो शातिर साइबर ठगों 1- मोनू सिंह उर्फ मोना उम्र लगभग 20 वर्ष पुत्र फूल सिंह निवासी ग्राम आर्यनगर प्रथम मजरा फत्तेहपुर रोशनाई थाना रनियां जनपद कानपुर देहात 2- जय सिंह उम्र लगभग 25 वर्ष पुत्र राजित सिंह निवासी आर्य नगर प्रथम मजरा फत्तेहपुर रोशनाई थाना रनियां जनपद कानपुर देहात को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तगण की तलाशी लेने पर 25000/-रु0, कूटरचित दस्तावेज व ठगी में प्रयोग करने वाले 02 अदद मोबाइल फोन बरामद हुए। गिरफ्तारशुदा अभियुक्त मोनू सिंह उर्फ मोना उपरोक्त पर पूर्व में एसटीएफ द्वारा थाना रनियां पर दिनांक 31.05.2023 को पंजीकृत कराये गये मु0अ0सं0 74/2023 धारा 467/468/471/419/420 भा0द0वि0 व 66सी/66 डी आईटी एक्ट में 25000/- रुपये का पुरस्कार घोषित वांछित अभियुक्त है। गिरफ्तारशुदा दोनों अभियुक्तों से बरामदगी के आधार पर थाना रनियां में मु0अ0सं0 203/2024 धारा 319(2)/318(4)/338/336(3)/340 बीएनएस व धारा 66C/66D आईटी एक्ट पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण को नियमानुसार माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
*पूछताछ का विवरण-* अभियुक्तगण ने पूछताछ करने पर बताया गया कि हमारे द्वारा ऑनलाइन माध्यम से व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लोगों को बरगलाकर व भ्रमित कर ऑनलाइन ठगी की जाती है। बैंकों में फर्जी कूटरचित दस्तावेजों को तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर कर खाते खुलवाकर आम लोगों को सिम बन्द होने एवं केवाईसी का सत्यापन कराने का झांसा देकर, पोर्न वीडियो देखने तथा फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उनको व्हाट्सअप के माध्यम से फर्जी आधार कार्ड भेजकर भ्रमित करके अपने बताये गये खातों में तथा बीसी सखी सेन्टर चलाने वाले दुकानदारों के खातों में पैसे डलवाकर कैश के रुप में निकालकर पैसों का आपस में बटवारा करते हैं एवं इसी से अपना जीवन-यापन करते हैं। इसीप्रकार से की गयी ठगी से निकाले गये 25000/-रुपये व कूटरचित दस्तावेजों के साथ आपने पकड लिया है।