उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ में सुनील चौरसिया ‘सावन’ सम्मानित
भारत भाग्य विधाता स्मारिका सम्मान से कवि सावन सम्मानित
साहित्यकार सुनील चौरसिया सावन को उनके अनवरत साहित्य साधना हेतु उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ में भारत भाग्य विधाता स्मारिका सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसके अंतर्गत उन्हें स्वर्णिम शिल्ड, सुनहरी कलम और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। सुनील हिन्दी ,भोजपुरी और अंग्रेजी में लिखते हैं। फ़िल्म एवं गीतों की दुनिया में भी आपका महत्वपूर्ण स्थान है। आप जिस गीत को लिखते हैं उसका गायन एवं अभिनय स्वयं करते हैं तथा अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से लोकहित में परोसते हैं। आपकी कृतियों में सहजता एवं सरलता के साथ सारगर्भित अनकही कहानी छिपी होती है।
डॉ. अमिता दुबे, प्रधान संपादक हिन्दी संस्थान ने बाल वाणी इत्यादि पत्रिकाएं एवं पुस्तकें भेंट करके कवि सावन को सम्मानित किया। मंच संचालन लोक गायिका रेखा चौरसिया ने किया। हिंदी संस्थान में कवि सावन ने अपनी बहुचर्चित कविता पुलिस को पढ़कर कर मनहर गीत प्रस्तुत किया।
केन्द्रीय विद्यालय गांगरानी, कुशीनगर उत्तर प्रदेश में बतौर स्नातकोत्तर शिक्षक (हिन्दी) पद पर सेवाएं प्रदान कर रहे श्री सुनील चौरसिया ‘सावन’ का जन्म 05 अगस्त, 1993 को अटल नगर वार्ड- 4 (अमवा बाजार), पोस्ट रामकोला, जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में हुआ है। माता श्रीमती उर्मिला देवी एवं पिता श्री रामकेवल चौरसिया हैं। बाल्यावस्था से ही साहित्य सृजन में आपकी रुचि रही है। कवि सावन मध्य वर्गीय परिवार से हैं। देश-विदेश के समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं में आपकी कृतियां अनवरत प्रकाशित होती रहती हैं। आपने ‘सावन साहित्य सेवा सदन’ की स्थापना की है जिसके बैनर तले निरंतर कवि गोष्ठी, कवि सम्मेलन इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन होता है और साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है। आप अपने विद्यार्थियों एवं नवोदित कलमकारों की कृतियों को भी विविध पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित कर उनकी प्रतिभा को पल्लवित-पुष्पित करते हैं, उनका मनोबल बढ़ाते हैं। सुनील चौरसिया ‘सावन’ नामक यूट्यूब चैनल के माध्यम से आप विधवा, अनाथ, दिव्यांग वर्ग के असहाय विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता छात्रों का सेवा भाव से मार्गदर्शन एवं अध्यापन कार्य करते हैं।
आपकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा प्राथमिक विद्यालय अमवा बाजार से संपन्न हुई। महात्मा गौतम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरकूटोला से कक्षा दसवीं में आपने स्कूल टॉप किया तत्पश्चात् जनता इंटर कॉलेज रामकोला से इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर से स्नातक और स्नातकोत्तर (हिन्दी) करने के बाद श्री हरिश्चन्द्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय वाराणसी से बी.एड. किया। इसके अलावा डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन, एनसीसी, स्काउट गाउड, एनएसएस, रोवर्स-रेंजर्स इत्यादि उपलब्धियां आपके नाम हैं। आपका कार्यक्षेत्र अध्यापन, लेखन, गायन एवं मंचीय काव्यपाठ है। सामाजिक क्षेत्र में ‘नर सेवा नारायण सेवा’ की दृष्टि से यथा सामर्थ्य समाजसेवा में सक्रिय हैं। कविता, कहानी, उपन्यास, लघुकथा, गीत, संस्मरण, डायरी, निबन्ध आदि विधाओं में पारंगत।
आपने‘राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन’ एवं ‘ विश्व भोजपुरी सम्मेलन’ के बैनर तले मॉरीशस, आस्ट्रेलिया, रूस, फ्रांस, अमेरिका आदि सोलह देशों के साहित्यकारों एवं सम्माननीय विदूषियों-विद्वानों के साथ काव्यपाठ एवं विचार विमर्श भी किया है। मासिक पत्रिका ‘भोजपुरी संगम’ के उप-सम्पादक भी रहे हैं एवं ‘हिन्ददेश’ पत्रिका के सह-सम्पादक। ‘सावन साहित्य सेवा सदन’ नामक ब्लॉग का भी संपादन कार्य जारी है।
लेखन का उद्देश्य ज्ञान की गंगा बहाते हुए मुरझाये हुए जीवन को कुसुम-सा खिलाना, सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार कर सकारात्मक सोच को पल्लवित-पुष्पित करना, स्वान्तः सुखाय एवं लोक कल्याण करना है। श्री चौरसिया की रचनाएँ देश-विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।
दो रजत एवं स्वर्ण पदक विजेता युवा कवि श्री सुनील चौरसिया ‘सावन’ को ‘मधुशाला काव्य गौरव सम्मान-2019’, ‘हिन्ददेश साहित्य सम्मान-2020’, ‘अग्रसर हिन्दी साहित्य सम्मान-2020’ एवं केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली तथा क्षेत्रीय कार्यालय तिनसुकिया संभाग, असम द्वारा भी सम्मान प्रदान किया जा चुका है। ‘स्वर्ग’ और ‘हाय री! कुमुदिनी’ नामक पुस्तकों के रचयिता कवि ‘सावन’ को 2021 में बांग्लादेश ने ‘द बेकन ऑफ इक्वालिटी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जिन पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बन चुकी है। केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली अरुणाचल प्रदेश में स्नातकोत्तर शिक्षक हिंदी पद पर अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए आपने पूर्वोत्तर भारत में राजभाषा हिंदी के प्रति जन-जन के मन में रुचि जागृत करने हेतु हर संभव प्रयास किया एवं पूर्वोत्तर भारत की सभ्यता, संस्कृति एवं प्राकृतिक सौंदर्य को समर्पित शोध परक पुस्तक की रचना की है।
हिंदी संस्थान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह में आयोजक सौरभ पांडेय , रंजना लता, बालमुकुंद, अरुण , रामकेवल चौरसिया , उर्मिला देवी, प्रीति सुप्रीति,ओमप्रकाश द्विवेदी इत्यादि साहित्यप्रेमियों की गरिमामय उपस्थिति रही।