कानपुर नगर में जलभराव की समस्या पर उठे सवाल

नगर आयुक्त सुधीर कुमार द्वारा शुक्रवार 18 सितम्बर को शहर की साफ-सफाई, जलभराव और यातायात व्यवस्था का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान स्वच्छता और पार्किंग व्यवस्था सुधारने की कार्रवाई शुरू की गई। नगर निगम ने दावा किया कि चिन्हित वेन्डिंग जोन और 30 से अधिक पार्किंग स्थलों पर कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है, जिससे यातायात व व्यापारिक गतिविधियां व्यवस्थित होंगी।
लेकिन दूसरी ओर, शहर के कई प्रमुख इलाकों में जलभराव की गंभीर समस्या से आमजन परेशान हैं। गोविंद नगर, साकेत नगर, मरियमपुर सहित शहर के दर्जनों मोहल्ले जलमग्न हो जाते हैंआरटीओ ऑफिस क्षेत्र की स्थिति सबसे खराब है जहां पर 4 घंटे से अधिक समय तक पानी भरा रहता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचते, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
निवासियों का कहना है कि जलभराव के कारण न केवल राहगीरों को दिक्कत होती है बल्कि आसपास के घरों व दुकानों में गंदा पानी भर जाने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ जाते हैं। जनता का स्पष्ट आरोप है कि निगम केवल दिखावटी कार्रवाई करता है, जमीनी हकीकत में समस्या जस की तस बनी रहती है।
स्थानीय लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि केवल निरीक्षण करने के बजाय वास्तविक समाधान निकाला जाए और बरसात के दिनों में नालों की सफाई व जल निकासी की ठोस व्यवस्था की जाए। सवाल यह है कि क्या नगर निगम की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है या शहर की जनता को जलभराव की समस्या से जल्द निजात दिलाई जाएगी?