डीएम-एसपी के बंगले को हड़पने वालों द्वारा बेंची गई जमीन की जांच शुरू
हमीरपुर। डीएम-एसपी के बंगले को हड़पने वालों द्वारा बेची गई जमीनों की जांच-पड़ताल शुरू हो गई है। तहसीलदार सदर की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम ने शनिवार की दोपहर बाद कानपुर-सागर नेशनल हाईवे से लेकर डीएम बंगले की बाउंड्रीवॉल से सटकर बने मकानों तक नापजोख की। प्रशासन की इस कार्रवाई से गृहस्वामियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
फर्जी अभिलेखों के बूते डीएम-एसपी का बंगला और इससे संबद्ध 58.14 एकड़ जमीन की लड़ाई लड़ने वालों द्वारा डीएम बंगले की बाउंड्रीवॉल से लगे करीब 32 प्लाटों को बेचा था। जिनसे करोड़ों की कमाई हुई थी। जैसे ही इस राज से पर्दा उठा कि विपक्षियों ने सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी की थी। उसी के बाद से अचानक से सारी चीजें बदलनी शुरू हो गई है। एसडीएम सदर शुक्रमा प्रसाद विश्वकर्मा की तहरीर पर कोतवाली में चार अधिकारी-कर्मचारियों सहित 13 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो चुकी है। चूंकि विपक्षियों के पास मालिकाना हक ही नहीं है, इसलिए उन्होंने जिन जमीनों को अपनी बताकर बेचा था, वो भी जांच के दायरे में आ गई हैं। इनमें अधिकांश प्लाटिंग डीएम बंगले की बाउंड्रीवॉल से सटाकर की गई थी। अभी तक जांच में 32 प्लाटों के नाम रजिस्ट्री होने के पुष्टि हुई है। अब प्रशासन ने इस पूरे इलाके नापजोख शुरू करा दी है। शनिवार की दोपहर बाद तहसीलदार रवींद्र पाल ने तीन लेखपालों रमेश कुमार, अरुण कुमार और सुरेश प्रजापति के साथ डीएम बंगले के आसपास के इलाके की नापजोख कराई है। हाईवे से लेकर बाउंड्रीवॉल तक की जमीन नापी गई है। तहसीलदार ने बताया कि डीएम के आदेश पर नाप-जोख की गई है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही डीएम को सौंपी जाएगी।

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