ककरऊ में आयोजित हुआ निरंकारी सत्संग, उमड़े श्रद्धालु

उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। संत निरंकारी मंडल की ओर से ककरऊ गांव में क्षेत्रीय आध्यात्मिक निरंकारी संत समागम का आयोजन किया गया। यह समागम बांदा से आए ज्ञान प्रचारक महात्मा संतोष कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
इस मौके पर महात्मा संतोष कुमार त्रिपाठी ने उपस्थित लोगों को समझाया कि भक्त के लिए जीवन में भक्ति का बहुत बड़ा महत्व है, लेकिन भक्ति के लिए भक्त और भगवान, दोनों का होना बहुत जरूरी है। भक्ति की पूर्णता तभी है जब सम्मुख भगवान हों। सतगुरु की कृपा से जब परमात्मा का बोध हो जाता है, तभी भक्ति वास्तविक रूप में शुरू होती है। ब्रह्मानुभूति के बाद ही भक्ति का महत्व समझ आता है। उन्होंने कहा कि प्रतिपल समर्पित भाव से जीवन जीने का नाम ही भक्ति है। भक्ति का आधार सेवा, सुमिरन, सत्संग है। मधुर व्यावहारिक जीवन जीते हुए परोपकार की भावना रखनी है। लेकिन यह धारणा वास्तविक रूप में होनी चाहिए न कि दिखावे वाली। भक्ति स्वयं की यात्रा है। निरंकार से जुड़ने का एक सरल मार्ग है। ऐसी भक्ति ही जीवन को सार्थक बनाती है और दुनियावी दिखावों से मुक्त करती है। इस मौके पर संयोजक महात्मा क्रांतिकुमार निरंकारी ने सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार प्रकट किया। इस संत समागम में ग्राम ककरऊ, बेरी एवं आस-पास के क्षेत्रों तथा मुख्यालय हमीरपुर, भरुआ सुमेरपुर, मौदहा, बिवांर, कुरारा, हमीरामऊ से श्रद्धालु शामिल हुए।