कन्नौज स्टेशन पर निर्माणाधीन वेटिंग हॉल गिरा, 40 लोग दबे –23 मजदूरों को निकाला; 13 करोड़ की लागत से बन रहा था

कन्नौज। कन्नौज स्टेशन पर निर्माणाधीन वेटिंग हॉल गिरा, 40 लोग दबे
–23 मजदूरों को निकाला; 13 करोड़ की लागत से बन रहा था
आदित्य मिश्रा/नीरज कुमार
कन्नौज। कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में कई मजदूर मलबे के नीचे दब गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे की है, जब निर्माण कार्य चल रहा था। मौके हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों और प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर एक नई इमारत का निर्माण किया जा रहा था। छत डालने का कार्य चल रहा था कि अचानक पूरी संरचना ढह गई। निर्माणाधीन छत के नीचे लगभग तीन दर्जन मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से 50 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, अन्य मजदूरों को मलबे से निकालने का काम जारी है। हादसे की सूचना मिलते ही
जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन अधिकारी मौके पर पहुंचे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी राहत कार्य में जुटी हैं। अब तक कई मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि कुछ अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। घायलों को नजदीकी जिला अस्पताल और कानपुर के हैलट अस्पताल भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। मजदूरों के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरानसुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। छत गिरने की मुख्य वजह लोहे की सरिया और सीमेंट के कमजोर मिश्रण को बताया जा रहा है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्माण कार्य ठेके पर दिया गया था, और ठेकेदार की भूमिका की जांच की जा रही है। घटना की जांच के लिए जिला मजिस्ट्रेट और रेलवे विभाग ने संयुक्त टीम गठित कर दी है। कन्नौज के जिलाधिकारी ने बताया कि, यह एक गंभीर घटना है प्राथमिकता सभी मजदूरों कोसुरक्षित बाहर निकालने की है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे के डीआरएम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण करने के आदेश दिए और कहा कि घटना की रिपोर्ट 72 घंटे में सौंपने का निर्देश दिया गया है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में बार- बार लापरवाही की शिकायत की गई थी, लेकिन इसे अनदेखा किया गया। कन्नौज रेलवे स्टेशन पर हुआ यह हादसा प्रशासन और निर्माण एजेंसियों की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल, राहत और बचाव कार्य जारी है, और प्रशासन की निगाहें मामले की तह तक पहुंचने पर टिकी हैं।
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कन्नौज रेलवे स्टेशन पर शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां दो मंजिला निर्माणाधीन स्टेशन का लिंटर अचानक ढह गया। मलबे में 40 से ज्यादा मजदूर दब गए। अब तक 23 घायल जिला अस्पताल पहुंचाए गए हैं। इनमें से 7 को राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा रेफर किया गया है। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। घायलों को ई-रिक्शे और एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। सीनियर अफसरों ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। 1 जेसीबी और 3 गाड़ी फायर ब्रिगेड की मौके पर रेस्क्यू में जुटी हैं। स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत दो मंजिला नई बिल्डिंग बन रही थी। शनिवार सुबह अचानक पूरा लिंटर ढह गया। सूचना मिलते ही यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण भी मौके पर पहुंचे। डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ला और एसपी बिनोद कुमार, सीओ सिटी घटनास्थल पर हैं। कानपुर जोन के आईजी जोगेंद्र सिंह भी कन्नौज रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं। सीएम योगी ने कन्नौज में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंच कर राहत काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
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पुरानी बिल्डिंग से सटा कर नई बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा
कन्नौज रेलवे स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग से सटा कर नई बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है। दरअसल, 13 करोड़ की लागत से स्टेशन के वेटिंग एरिया का हाल बनाया जा रहा है। इसके लिए1 साल से काम चल रह है। इसका काम आशुतोष इंटरप्राइजेज को दिया गया था। ठेकेदार राम विलास राय काम करवा रहे थे। यह निर्माण प्लेटफार्म पर ही हो रहा था। यहां दो मंजिला भवन के ऊपरी हिस्से पर लिंटर डाला गया था। शनिवार दोपहर अचानक ऊपर का लेंटर ढह गया। इसकी चपेट में 20 से ज्यादा मजदूर आ गए। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा, “हमें दोपहर 2.39 बजे घटना की सूचना मिली कि 5 मजदूर घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है। मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपए और गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। रेलवे और राज्य सरकार की टीम घटनास्थल पर मौजूद है। राहत और बचाव का कार्य जारी है।मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को निकाल कर जिला अस्पताल भिजवाना शुरू कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। रेलवे रोड से लेकर जीटी रोड तक भारी भीड़ जुट गई। एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां मुश्किल से निकल पा रही हैं।
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प्रत्यक्षदर्शी बोला- हादसे के समय कम से 40 से 50 लोग थे
एक प्रत्यक्षदर्शी महेश कुमार ने बताया- मैं खाना खाकर आया। इसके बाद मसाले का पहला चक्कर बनाया। इसी दौरान लिंटर गिर गया। हम एक पैर जनरेटर पर रखे थे, एक पैर मशीन पर रखे थे। समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है? हादसे के समय कम से कम 40-50 लोग मौजूद थे।
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ये मजदूर मलबे में दबकर घायल हुए
राम बहादुर (सरायमीरा), आर्यन (सरायमीरा), कमलेश (सुक्खापुरवा), ध्रुव (चौराचांदपुर ), कमलेश (चौराचांदपुर), अनिल (चौराचंदपुर), श्यामू (चौराचांदपुर), संदीप (चौराचांदपुर ), विकास (ईसवापुर), संजेश (नेरा), राजा (ईसवापुर), रामरूप (चौराचांदपुर), रोहित (चौराचांदपुर), स्वामी दास (बलिया), आदेश पाल (ईसवापुर) घायल हुए हैं। राजू पासवान, राज कुमार गोयल, आकाश और कुलदीप राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा रेफर किए गए हैं।