सादा जीवन मुझे सबसे प्रिय — डॉ राकेश चक्र
सादा जीवन नित्य ही मुझे जीने की नूतन राह दिखाता है। मुझे मानवीयता से रहने की प्रेरणा देता है। मन और मस्तिष्क को सदैव नई ऊर्जा से भरकर जीवन जीने की कला सिखाता है। साथ ही मेरा अमूल्य समय और धन बचाता है।
आध्यात्मिक और आत्मबल भी सादा जीवन से ही तो मिलता है। सत्य भी मित्र बन जाता है। असत्य पास नहीं फटकता है। नई उमंगें , परोपकार , सच्चा ज्ञान , प्रेम की रागिनी भी तो सादा जीवन में ही छिपी हुई है ।
मैं इतना सादा जीवन जीने की ओर बढ़ गया हूँ कि मैं पहनने के कपड़ों पर भी प्रेस नहीं करता औऱ न ही किसी से करवाता हूँ। अब से नहीं , बल्कि काफी समय से। कपड़े में स्वयं ही धोता हूँ। न धुलाई मशीन से धोता हूँ।
एक तरफ हाथों से कपड़े धोने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है , दूसरा बिजली की भी बचत होती है। बिजली की बचत करने से अपना भी लाभ और देश के लिए ऊर्जा में भी बचत हो जाती है। साथ ही पानी और कपड़े धोने के पाउडर की भी बचत हो जाती है।
कपड़े धोने के बाद फटकार कर उन्हें हेंगर पर डाल देता हूँ तथा पेण्टों अर्थात पतलून को सिंवन से सीवन मिलाकर फटकार कर हेंगर पर टांग देता हूँ। और जब कपड़े सूख जाते हैं तो उन पर सिमटन नहीं रहती और लगता है प्रेस हो गई। कितना आसान है न।
मैं सोचता हूँ कि जितना सादा जीवन जिया जा सके, उतना ही उसमें आनंद और प्रेमरस का पाग है । यही सच्चा सुख है। क्रियाशील बनकर जीवन को जीवटता से भरना ही है।
जिओ और जीने देने का सिद्धांत भी तो सादा जीवन ही हमें सिखाता है।
मुझे एकाध किलोमीटर जाना होता है तो जल्दी वाहन नहीं ले जाता हूँ और न किसी सवारी से जाता हूँ। आज किशोर और युवाओं को देखता हूँ तो हैरान रह जाता हैं कि वे 50- 100 मीटर जाने के लिए भी वाहन का प्रयोग कर रहे हैं।
सादा जीवन जीना मुझे पशु और पक्षी भी सिखाते हैं। रोज ही सैकड़ों पक्षियों का घर मेहमान बन कर आना , केवल पेट भर जाना और फिर उड़ जाना। कुछ भी संग्रह नहीं करना। किसी प्रकार दिखावा नहीं। किसी प्रकार की हिंसा नहीं। आपस में जल्दी विवाद नहीं। प्रेमपूर्वक सब कुछ।
इसी प्रकार का संदेश मुझे प्यारी प्रकृति भी देती है। पेड़ – पौधों से मुझे नवीन ऊर्जा नित्य मिलती है , इनका भी कितना सादा जीवन है। पक्षियों के साथ मौन रहकर बातें करना। पक्षियों द्वारा यदा – यदा पत्तियों को सेवन करना या डालों और पत्तियों पर बीट कर गंदा कर देना ,लेकिन वे कुछ नहीं कहते। न ही बुरा मानते।
सच में सादा जीवन सर्वश्रेष्ठ जीवन है। यही राष्ट्र की प्रगति और उन्नति में भी पूर्ण सहायक है। धन और समय की बचत करने वाला है।

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