आचार्य किशोर कुणाल का निधन, कई संगठनों ने दिया श्रद्धांजलि
भारतीय प्रशासन सुधार एवं जन शिकायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉक्टर बिपिन बिहारी ने कहा की आचार्य किशोर कुणाल का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति हुई है जिसका भरपाई करना मुश्किल है मैं आज किशोर कुणाल जी से कई बार मिला हूं मैं बहुत शांत स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे जिले के कई संगठनों ने नेशनल मीडिया प्रेस क्लब राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन विश्व आयुर्वेद परिषद के डॉ रमेश कुमार सिंह डॉ उषा कुमारी डॉ बलराम प्रसाद डॉ विकेश कुमार डॉ सुरेश कुमार शाह डॉ रूबी कुमारी डॉ अनुराधा डॉ राकेश कुमार सिंह डॉ रितेश वर्मा राघवेंद्र कुमार सुमन कुमारी दिवाकर कुमार सुप्रिया कुमारी ने संवेदना प्रकट की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विपिन बिहारी ने बताया कि
मुजफ्फरपुर के बरूराज निवासी व
महावीर मंदिर न्यास के सचिव वरीय आईपीएस अधिकारी रहे किशोर कुणाल का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि महावीर वात्सव अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली है। उन्होंने 74 साल के उम्र में अंतिम सांस ली है। आईपीएस की सेवा से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल सामाजिक कार्यों से जुड़ गए और वर्तमान में वो बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव थे। जानकारी अनुसार ह्दय गति रुकने से निधन हो गया है।
बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक आने पर परिवार के द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि, किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गाँव में हुई । फिर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में इतिहास और संस्कृत का अध्ययन किया।1970 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में अपने करियर के मध्य में उन्होंने मास्टर डिग्री के लिए भी अध्ययन किया। जिसे उन्होंने 1983 में प्राप्त किया।
1983 में बने थे पटना के एसएसपी
1972 में कुणाल गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए । उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए। 1983 में अपने मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुणाल को पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया । 2001 में कुणाल ने स्वेच्छा से भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। किशोर कुणाल महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव भी थे और इससे पहले महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव थे। जिसमें वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार से जुड़े थे। उन्होंने पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की।
उनके सचिवत्व में महावीर मंदिर का हुआ था जीर्णोद्धार
कुणाल पटना के महावीर मंदिर के सचिव भी थे। उनके सचिवत्व में महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू हुआ और इसका उद्घाटन 4 मार्च 1985 को हुआ। महावीर ट्रस्ट ने बाद में महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की। समिति कंकरबाग में महावीर आरोग्य संस्थान नामक एक अन्य अस्पताल भी चलाती है और इसके परिसर में महावीर नेत्रालय की स्थापना की गई है जो आंखों की समस्याओं से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। मंदिर ने पहले ही चार बड़े अस्पताल स्थापित किए हैं और जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

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‘बिहार फिल्म कॉन्क्लेव 2024’ संपन्न कला संस्कृति विभाग (बिहार सरकार) के द्वारा 18 अक्टूबर 2024 को पटना के होटल ताज में पहली बार आयोजित बिहार फिल्म कॉन्क्लेव 2024 हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, सांसद एवं अभिनेता मनोज तिवारी, सांसद एवं अभिनेता रवि किशन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम के दौरान गणमान्य अतिथियों ने बिहार से फिल्म के क्षेत्र में योगदान देने वाले लोगों, शूटिंग के लिए रमणीक स्थानों के बारे में निर्मित कॉफी टेबल बुक ‘बिहार बाईस्कोप’ का भी लोकार्पण किया. इस मौके पर इंपा प्रेसिडेंट अभय सिन्हा, कुणाल और अभिनेता राजन कुमार की विशेष उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में बिहार से जुड़े अन्य कई कलाकार, प्रचारक, फिल्म निर्माता और निर्देशक मौजूद रहे। सभी को बिहार की फिल्म नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार राज्य को लोकतंत्र की जननी बताते हुए अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और फिल्म निगम के लिए एतिहासिक दिन है, जब यहां के कलाकार, फिल्मकार टेकनेशियन और फिल्म से जुड़े लोग उपस्थित हैं. बिहार सामाजिक, सांस्कृतिक, पौराणिक और समृद्ध एतिहासिक परंपरा का केंद्र बिंदु रहा है. यहां की मिट्टी के कण कण में इतिहास छुपा है. कला और सस्कृति के संवर्धन में फिल्म इंडस्ट्री की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके माध्यम से जन मानस को जागरूक किया जा सकता है. वहीं सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी ने कहा कि बिहार में सिनेमा हाल के भी रेनोवेशन की जरुरत है. अगर बिहार सरकार फिल्म नगरी की घोषणा करें तो हम फिल्म नगरी परिसर में स्टूडियो बनाने को तैयार हैं. फिल्म निर्माताओं को क्वालिटी से समझौता नहीं करते हुए फिल्म निर्माण की दिशा में अग्रसर होना चाहिए. बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति से कितना फायदा होगा, इसको शब्दों में नहीं बताया जा सकता है. अभिनेता सांसद रवि किशन ने कहा कि 20 सालों की यह तपस्या थी, जो आज पूरी हुई. समस्त भोजपुरी सिनेमा की ओर से बिहार सरकार को इसके लिए धन्यवाद है. ओमकार फ़िल्म एंड टेलीविजन प्रोडक्शन के प्रोड्यूसर राजन कुमार ने कहा कि बिहार की फिल्म प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत बिहार में फिल्म की शूटिंग करने पर 4 करोड़ रुपए की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जाएगी। यदि कोई प्रोड्यूसर बिहार में बिहार के स्थानीय कलाकारों को लेकर फिल्म बनाता है तो उसे अतिरिक्त अनुदान राशि दी जाएगी। बिहार सरकार के इस प्रयास की हम सराहना करते हैं जिससे बिहार में अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग सह प्रबंध निदेशक दयानिधान पाण्डेय ने सभी अतिथियों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए कहा कि फिल्म प्रोत्साहन नीति इस वर्ष बिहार सरकार के जरिए अनुमोदित कर दी गई है. इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य फिल्म विधा से जुड़े लोगों को फिल्म प्रोत्साहन नीति के बारे में बताना और उनके सुझाओं और बातों को सुनना है. उन्होंने कलाकारों को बिहार में फिल्म निर्माण के लिए आमंत्रित किया और कहा कि बिहार सरकार फिल्मकारों व कलाकारों को हर प्रकार की सुविधा देने को तैयार है. प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय 