उपदेश टाइम्स कानपुर
कानपुर, ग्रीन पार्क में हुये बांग्लादेश-भारत टेस्ट मैच के दौरान भारतीय टीम की विराट जीत ने कानपुर के क्रिकेट प्रेमियों को खुशी से झूमने पर मजबूर कर दिया है। इसी उत्साह के बीच एक और खुशी की लहर दौड़ गई है, जब बिल्हौर के ग्राम सैबसू के युवा क्रिकेटर आकाश त्रिवेदी को यूपी अंडर-19 टीम में चयनित किया गया। आकाश की यह उपलब्धि न केवल उसके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे कानपुर शहर के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल भी है।
आकाश का क्रिकेट सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। महज ढाई साल की उम्र में जब उसने पहली बार क्रिकेट का बल्ला थामा, तब से ही उसके मन में इस खेल के प्रति गहरा जुनून था। उसके पिता, योगेश त्रिवेदी, जो जीएसबीएम मेडिकल कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं, ने अपने बेटे के सपनों को पंख देने के लिए अपने घर के सामने एक छोटा सा मैदान बनवाया। उन्होंने आकाश को मनीष पांडे जैसे सफल क्रिकेटरों के मार्गदर्शन में खेलने का मौका दिया, जिससे आकाश का आत्मविश्वास और बढ़ा।
आकाश ने अपने करियर की शुरुआत इंटर डिस्ट्रिक्ट, डिस्टिक और जोन स्तर पर ओपनर बल्लेबाज के रूप में की। उसने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया, लेकिन उसकी सफलता की कहानी केवल खेल तक सीमित नहीं है। आकाश की माता, रेखा रानी त्रिवेदी, एक फार्मासिस्ट थीं, जो अपनी बीमारी से जूझते हुए इस दुनिया को छोड़ गईं। रेखा के निधन ने आकाश को गहरे दुख में डाल दिया, लेकिन उसने अपनी मां की यादों को संजोते हुए क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को और भी मजबूत किया।
आकाश की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उसे रतनलाल स्टेडियम में कोच हैदर के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने का अवसर भी दिया। उसने अपनी तकनीक को निखारते हुए कई कठिनाइयों का सामना किया। उस समय भी, जब उसके जीवन में व्यक्तिगत चुनौतियाँ थीं, उसने कभी भी क्रिकेट से मुंह नहीं मोड़ा। उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने अंततः रंग लाया, और वह यूपी अंडर-19 टीम में चयनित हो गया।
आकाश का यह चयन न केवल उसके लिए एक उपलब्धि है, बल्कि यह उसके परिवार, दोस्तों और पूरे कानपुर के लिए गर्व का विषय बन गया है। शहर के क्रिकेट प्रेमियों ने उसे अपने हीरो के रूप में देखना शुरू कर दिया है, और उसकी कहानी ने युवाओं में एक नई उम्मीद जगाई है।
आकाश त्रिवेदी की उपलब्धि हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर आपके पास जुनून और मेहनत है, तो कोई भी सपना साकार हो सकता है। आज, जब वह यूपी अंडर-19 टीम का हिस्सा बन गया है, तो उसकी माता की आत्मा निश्चित रूप से उसे देखकर गर्व महसूस कर रही होगी। कानपुर के क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि वे अपने नए हीरो के साथ हैं, और उन्हें उम्मीद है कि आकाश आगे चलकर अपने राज्य और देश का नाम रोशन करेगा।