मेट्रो डिपो ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा कार्यक्रम का किया आयोजन
कानपुर नगर उपदेश टाइम्स
कानपुर मेट्रो स्टाफ ने निर्माण और सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा कर लिया आशीर्वाद शहर में विश्व स्तरीय परिवहन व्यवस्था विकसित करने के संकल्प के साथ विश्वकर्मा भगवान की पूजा अर्चना।
कानपुर मेट्रो के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज गुरूदेव चौराहा स्थित मेट्रो डिपो और नौबस्ता कास्टिंग यार्ड सहित मेट्रो से जुड़े विभिन्न निर्माण स्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा का आयोजन किया। इस अवसर पर मेट्रो के इंजीनियर्स और स्टाफ ने सृजन के देवता माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की श्रद्धापूर्वक अराधना की। कानपुर मेट्रो का सिविल निर्माण कार्य 15 नवंबर 2019 को शुरू हुआ था और महज 2 वर्ष 1.5 महीनों के रिकॉर्ड समय में 28 दिसंबर 2021 को इसके कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी से मोतीझील) पर यात्री सेवाएं आरंभ कर दी गईं। कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन यानी बचे हुए भाग पर निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भगवान विश्वकर्मा की अर्चना कर शहर और प्रदेश में चल रही विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के सफलता की कामना की।
उत्तर प्रदेश मेट्रो टीम जनता को अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रौद्योगिकी से लैस सर्वश्रेष्ठ मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। यह उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पारेशन (यूपीएमआरसी) के कुशल नेतृत्व तथा कानपुर मेट्रो के इंजीनियरों की मेहनत का ही नतीजा है कि शहर में मेट्रो के प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी से मोतीझील) का निर्माण समय से पूर्व पूरा किया जा सका था। वर्तमान में कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन्स; चुन्नीगंज-नयागंज अंडरग्राउंड सेक्शन, कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्टनगर अंडरग्राउंड सेक्शन और बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। लगभग 2 माह पूर्व 12 जुलाई 2024 को पहली बार कानपुर मेट्रो ट्रेन टेस्ट रन के दौरान टनल के जरिये नयागंज अंडरग्राउंड स्टेशन तक पहुंची। चुनौतियों की बात करें तो नौबस्ता चौराहे पर फ्लाईओवर और सीसामऊ नाले के ऊपर स्टील बॉक्स गर्डर्स का परिनिर्माण (इरेक्शन) सफलतापूर्वक किया गया।
कॉरिडोर-1 के अंडरग्राउंड सेक्शन में मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप से कानपुर सेंट्रल तक टनल निर्माण का काम पूरा हो चुका है। समय की बचत के लिए निर्माण और फिनिशिंग कार्यों के साथ ही ट्रैक, सिग्नलिंग, टेलीकॉम, इलेक्ट्रिकल आदि विभिन्न विभागों से जुड़ी प्रणालियों को इंस्टॉल करने का काम किया जा रहा है। लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में सभी प्री-कास्ट संरचनाओं जैसे यू-गर्डर, आई-गर्डर, पियर कैप आदि के परिनिर्माण (इरेक्शन) का काम पूरा कर लिया गया है। यहां स्टेशनों पर तेजी से प्लैटफॉर्म व तकनीकी कक्षों का निर्माण किया जा रहा है।
कॉरिडोर-2 (सीएसए – बर्रा-8) के रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी – बर्रा-8 एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण कार्यों में भी तेजी से प्रगति हुई है। रावतपुर स्टेशन पर मिड स्लैब और कोनकोर्स स्लैब की ढलाई का कार्य किया जा रहा है। एलिवेटेड सेक्शन में प्रयुक्त होने वाली प्री-कास्ट संरचनाओं की ढलाई 14 जून 2024 से नौबस्ता कास्टिंग यार्ड में आरंभ हो चुकी है। इसी माह 9 सितंबर 2024 से कंपनी बाग चौराहे के निकट पियर कैप के परिनिर्माण का शुभारंभ भी कर दिया गया है। दोनों कॉरिडोर के पूरा होने से शहर में ट्रैफिक की समस्या और बढ़ते कार्बन फुटप्रिंट से राहत मिलेगी। इससे प्रदेश की दूसरी सबसे घनी आबादी वाले शहर की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।