आरक्षण में वर्गीकरण नहीं बल्कि उसका सही क्रियान्वयन राष्ट्रहित में जरूरी है! -कप्तान (सिद्धान्त)
भारत विविध जातियों,धर्मों,सम्प्रदायों,का देश है। भारतीय समाज में सदियों से व्याप्त जातीय,सामाजिक असमानता को कम करने की दिशा में ब्रह्माण्ड विभूषण,आधुनिक भारत के निर्माता,भारतीय संविधान के पिता परम् पूज्य बाबा साहेब डॉ०भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में पिछड़ों,दलितों के लिए आरक्षण (प्रतिनिधित्व) का प्रावधान किया। लेकिन आज तक केन्द्र और राज्य में विभिन्न दलों की सरकारों के बाद भी भारतीय संविधान में प्रदत्त प्रतिनिधित्व उपबन्धों का सही तरीके से पालन नहीं हो सका। बावजूद इसके अभी हाल ही में एससी एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण का आदेश जारी हुआ जो कि समझ से परे है। बहुजन एससी,एसटी समाज के संगठनों और बीएसपी के आह्वान पर आयोजित भारत बन्द प्रदर्शन कार्यक्रम में उक्त विचार जिले के चर्चित शख्सियत कप्तान (सिद्धान्त) ने अम्बेडकर प्रतिमा स्थल दीवानी न्यायालय जौनपुर में मौजूद हजारों की संख्या में जुटे बहुजनों के बीच मीडिया कांफ्रेंस में कहीं। कप्तान सिद्धान्त ने बताया कि संविधान में आरक्षण का आधार शैक्षणिक व सामाजिक पिछड़ापन है तो आर्थिक आधार पर इसका वर्गीकरण साथ ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण भी अतार्किक,अव्यवहारिक व अनुचित है।
विनोद कुमार सिद्धार्थ ने सरकार से माँग की कि बहुजन समाज के आक्रोश और विधिसम्मत प्राविधानों के दृष्टिगत माननीय सुप्रीम कोर्ट उक्त उप वर्गीकरण को फ्रीज करे और आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डाले। युवा शुभम कुमार गौतम ने कहा कि एससी एसटी वर्ग में क्रीम है कहाँ जो क्रीमी लेयर की बात आ गई। सन्जू चौधरी एससी टीचर्स जिलाध्यक्ष ने कहा कि अभी तक जो भी सरकारें रहीं सबने आरक्षण पर कैंची ही चलाई है। इसका मतलब बहुजनों द्वारा संचालित पार्टी के अलावा किसी को दलित हितों से सरोकार नहीं है। ओपी अम्बेडकर ने कहा कि भारत की पहचान जब बुद्ध और अम्बेडकर के देश से होती है तो बुद्ध के धम्म और डॉ०अम्बेडकर के संविधान को सरकार सार्वजनिक रूप में क्यों मान्यता देने से परहेज कर रहे हैं। डा.शेरबहादुर गौतम ने बताया कि सरकार को जातिवार जनगणना कराकर एससी भागीदारी को 15 से बढ़ाकर 25% करना चाहिए।
पूर्वांचल उ०प्र०के महान सर्जन डा०लालबहादुर सिद्धार्थ,बीएसपी के अमरजीत,संग्राम भारती,अधिवक्ता संघ जौनपुर के बरसातू राम सरोज,भीम आर्मी के रत्नेश,एससी शिक्षक संघ की सन्जू चौधरी,अशोक,सुनील इत्यादि के संयुक्त नेतृत्व में आयोजित भारत बन्द कार्यक्रम में करीब 50 हजार की संख्या में अनुसूचित जाति के लोगों,नौकरीपेशाओं,समाजसेवियों ने संयुक्त रूप से शांतिपूर्ण और बेहद अनुशासन में रहकर माननीय राष्ट्रपति महोदया, माननीय प्रधानमंत्री, माननीय मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट को द्वारा जिलाधिकारी ज्ञापन सौंपा।