आधी-अधूरी तैयारी पर डीएम ने जतायी नाराज़गी, सहायक श्रम आयुक्त व अपर श्रम आयुक्त का स्पष्टीकरण तलब
कानपुर नगर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में जिला स्तरीय श्रम बंधु बैठक आयोजित हुई। बैठक में श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं, लंबित प्रकरणों और औद्योगिक विवादों की विस्तृत समीक्षा की गई।
जिला स्तरीय श्रम बन्धु बैठक के संदर्भ में यह पाया गया कि शासनादेश वर्ष 2010 के अनुसार बैठक में सामाजिक, समाजशास्त्र अथवा अर्थशास्त्र विषय के एक प्रवक्ता को सदस्य के रूप में नामित किया जाना अनिवार्य था।
सहायक श्रम आयुक्त श्री राम लखन पटेल द्वारा उक्त नामांकन अगस्त 2025 में कराया गया, किन्तु उनका नामांकन श्रम बन्धु की बैठक में सुनिश्चित नहीं कराया गया, जिसके परिणामस्वरूप बैठक में संबंधित प्रवक्ता की सहभागिता नहीं हो सकी।
यह स्पष्ट लापरवाही सहायक श्रम आयुक्त की है, क्योंकि श्रम बन्धु जैसी महत्वपूर्ण बैठक में सभी नामित सदस्यों की उपस्थिति और सहभागिता सुनिश्चित कराना उनकी जिम्मेदारी थी। जो भी उनके द्वारा आदेश प्राप्त होने तथा शासनादेश होने के बाद भी नहीं किया गया।
जिलाधिकारी ने इस पर गंभीर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि आधी-अधूरी तैयारी के साथ बैठक में आना अस्वीकार्य है। उन्होंने निर्देश दिया कि आगामी बैठक से पूर्व सभी सदस्यों का नामांकन शासनादेश के अनुसार पूर्ण कर लिया जाए और उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
समीक्षा में यह भी सामने आया कि मेसर्स कानपुर फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड, पनकी की अघोषित तालाबंदी से संबंधित न तो कोई आख्या प्रस्तुत की गई और न ही स्थानीय स्तर पर उत्तर उपलब्ध कराया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस विषय की सुनवाई श्रम आयुक्त उत्तर प्रदेश के समक्ष हुई थी, परंतु उसके संबंध में सहायक श्रम आयुक्त की ओर से कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जिलाधिकारी ने उनके विरुद्ध उच्च स्तर पर पत्र भेजकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी पाया गया कि श्रम प्रवर्तन अधिकारी पवन कुमार के स्तर पर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक कुल 41 आवेदन लंबित हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जनहित गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित 30 दिनों में कार्य निस्तारित न होना अत्यंत खेदजनक है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी लंबित आवेदनों का निस्तारण समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराया जाए।
इसी प्रकार अपर श्रम आयुक्त पी.के. सिंह के स्तर पर 154 आवेदन समय पर फॉरवर्ड नहीं किए गए। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनका स्पष्टीकरण तलब किया और कहा कि नियमित समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही लेखा अधिकारी स्तर पर भी कई आवेदन लंबित पाए गए, जिन पर भी स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए।
बैठक में आमंत्रित सदस्य माया सिंह ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा योजनाओं का पर्याप्त प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण पात्र श्रमिक योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। जिलाधिकारी ने इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए सहायक श्रम आयुक्त को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर मिले।
जिलाधिकारी ने कहा कि श्रमिक वर्ग समाज की आर्थिक संरचना की आधारशिला है। शासन की प्रत्येक योजना का लाभ पात्र श्रमिकों तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना अनिवार्य है। यदि किसी भी स्तर पर उदासीनता या लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिया कि श्रम विभाग की सभी योजनाओं एवं परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा हो, ताकि किसी भी स्तर पर विलंब या अनियमितता न हो।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी, सहायक श्रम आयुक्त रामलखन पटेल, श्रम प्रवर्तन अधिकारी पवन कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

आगामी पंचायत चुनाव के बारे में चर्चा हुई संविधान के बारे में चर्चा
मुख्यमंत्री प्रदेश में लगाएं कार्बाइड गन पर प्रतिबंध :पं रवीन्द्र शर्मा
एक करोड़ से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न, गुणवत्ता में लापरवाही पर कार्यवाही के निर्देश — डीएम
वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम हेतु जनपद में संचालित की जा रही प्रभावी गतिविधियाँ
छठ पर्व को लेकर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की
छठ पूजा की तैयारियों का सांसद, एमएलसी एवं जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण 