संस्था लॉयर्स क्लब संबद्ध इंटरनेशनल मीडिया प्रेस क्लब ने अधिवक्ता हितों को लेकर सौपा ज्ञापन

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अधिवक्ता विरोधी दमनकारी नीति अपनाया जाना व हिंदुस्तान भर के अधिवक्ताओं की विधिक मांगों को वादा करने के बावजूद पूरा ना किया जाना व अधिवक्ताओं को पेंशन न दिया जाना साथ ही नए अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड की व्यवस्था न किया जाना आदि को लेकर संस्था लायर्स क्लब संबद्ध इंटरनेशनल मीडिया प्रेस क्लब रजिस्टर्ड के माध्यम से जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सोपा गया
अपनी मांगों की ओर दोहराना चाहते हैं कि हिंदुस्तान के कुछ राज्यों में अधिवक्ताओं को पेंशन व बीमा की व्यवस्था की गई लेकिन हम लोगों की मांग अभी तक पूर्ण नहीं की गई। हम सभी अधिवक्ता गण जब तक हमारी मांगे पूर्ण नहीं की जाती हैं अंतिम श्वास तक लड़ाई लड़ेंगे मांगे पूरी न होने पर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा हिंदुस्तान के अधिवक्ताओं ने अनगिनत बार अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन प्रतिवेदन दिए लेकिन आज तक सरकार की कान में जूं तक नहीं रेगी जो अपने ही किये वादों से लगातार मुकर रही है। संक्षिप्त में हम सभी अधिवक्ता गण अपनी संस्था के माध्यम से आपका ध्यान सरकार द्वारा किए गए वादों की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। नई दिल्ली मैं पंडित कन्हैयालाल मिश्र मेमोरियल कमेटी द्वारा आयोजित सेमिनार में केंद्रीय कानून मंत्री माननीय अर्जुन राम मेघवाल ने आश्वस्त किया था कि सरकार वकीलों के मेडिकल एवं जनरल इंश्योरेंस की दिशा में गंभीर है तथा आंकड़े मिलने पर सकारात्मक निर्णय लेगी तथा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर भी सकारात्मक विचार करेगी इसी प्रकार इसके पूर्व भी पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री भारत सरकार माननीय रवि शंकर प्रसाद जी ने भी 13 फरवरी 2012 व 3 जून 2019 को नई दिल्ली में प्रेस सम्मेलन में ऐलान किया था कि देश के वकीलों के कल्याण के लिए हमने एक कमेटी गठित की है जो 3 माह में रिपोर्ट मिलने पर इंश्योरेंस सहित पांच मांगे शामिल है सरकार उन्हें तुरंत लागू करेगी इसी प्रकार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब बार काउंसिल आफ इंडिया के स्वर्ण जयंती समारोह में 1 मार्च 2014 को कहा था कि अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री बना तो केंद्र सरकार के बजट में अधिवक्ताओं के लिए अलग से बजट का प्रावधान करूंगा माननीय जी इतने सारे सरकार द्वारा वादे किए जाने के बावजूद आज तक देश के अधिवक्ताओं की अब तक मांग नहीं मानी गई जिसके कारण आज आम अधिवक्ता असमंजस की स्थिति में है मैं इस ज्ञापन के माध्यम से अपनी मां को दोहराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एडवोकेट एक्ट 1974 में बुनियादी मांगों में संशोधन अधिवक्ता कल्याण निधि 15 लाख तथा 60 वर्ष की उम्र होने के पश्चात किस अधिवक्ता को दिया जाए देश के किसी भी प्रैक्टिशनर अधिवक्ता की 60 वर्ष की उम्र पूर्ण होने के बाद प्रतिमा ₹30000 पेंशन उसके अंतिम समय तक दी जाए उसकी मृत्यु के बाद पेंशन अस्तित्व को दी जाए प्रत्येक आवेदांता का 10 लख रुपए का स्वास्थ्य बीमा और अधिवक्ताओं को लाइव देरी मेंटेन करने के लिए ₹2000 प्रतिमा अनुदान के रूप में दिए गए छात्र द्वारा अधिवक्ता पैसे को अपने जाने पर बताओ इस टाइपिंग ₹10000 प्रतिमा दिया जाए प्रत्येक न्यायालय में बहुमंजली इमारत का निर्माण करा कर अधिवक्ताओं को चैंबर दिए जाएं अधिवक्ता की आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक को 50 लख रुपए अनुदान दिया जाए ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से सियाराम पाल शेष कुमार बाजपेई उमाशंकर त्यागी नरेंद्र कुमार यादव जगजीवन राम राघवेंद्र सिंह पाल बाबूराम सचान श्री राम गौतम शिवकरन सिंह यादव शाकिर अली रोहित सिंह शिव प्रकाश सिंह पाल विजय प्रकाश वर्मा नीरज कुमार पासी विमल पासवान तेज बहादुर पाल देवनारायण पाल हरि शुक्ला दिनेश सिंह राठौर नीलम वर्मा बाबूलाल वर्मा बालकिशन यादव विशाल पाल अंकुर पाल बीडी दुबे शाहीन जफर एक सिंह कुशवाहा मनोज कुमार शैलेंद्र कुमार क त्रिपाठी जेपी सिंह श्याम सिंह चंदेल शिव शंकर यादव रामकुमार उपरोक्त सभी अधिवक्ता पप्पू यादव चंद्रजीत यादव सही सैकड़ो अधिवक्ता मौजूद रहे।