नौकरी न मिलने के कारण आत्महत्या करने वाले दिव्यांगजनों के परिजनों को सरकार दे 50 लख रुपए मुआवजा

लम्बे संघर्ष के लिए तैयार रहे शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगजन
कानपुर। दिव्यांग महागठबंधन की बैठक में आज नौकरी न मिलने के कारण शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगजनों द्वारा आत्महत्या करने पर चिंता जताई गई और सरकार से मांग की गई की आत्महत्या करने वाले दिव्यांगजनों के परिजनों को 50 लाख रुपया का मुआवजा दे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि श्रेणी चिन्हांकन के नाम पर चलन क्रिया के दिव्यांगजनों को सरकार सरकारी नौकरियों से वंचित कर रही हैं। जिसकी वजह से दिव्यांगजन आत्महत्या कर रहे हैं। यह बहुत दुखद और चिन्ता जनक है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। आत्महत्या करने वाले दिव्यांगजनों के परिजनों को सरकार 50 लाख रुपया का मुआवजा दे।
वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगजन नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरा करवाने, सभी विभागों की दिव्यांग कोटे की नौकरियों में चलन क्रिया के बीएल, ओ एल श्रेणी के दिव्यांगों को सभी नौकरियों की मांग को पूरा करवाने के लिए लम्बे संघर्ष के लिए तैयार रहें।
वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार नौकरी रोजगार स्वास्थ शिक्षा सुरक्षा कि सौ फीसदी गारंटी व दिव्यांग पेंशन पांच हजार रुपए नहीं देना चाहती है।
आज कि बैठक में दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार, राहुल कुमार, अल्पना कुमारी, आनन्द तिवारी, अशोक कुमार, गुड्डी दीक्षित, वैभव दीक्षित आदि शामिल थे।