अंधकार का सूने पथ पर, आओ मिलकर कदम बढ़ाएं, लखन लाल जोशी
उपदेश टाइम्स, हमीरपुर। अखिल साहित्य परिषद द्वारा वैश्विक सन 2024 की विदाई और सन 2025 के आगमन पर नगर पालिका परिषद के सभागार में विचार एवं काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष लखन लाल जोशी ललित द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात् कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में चंद्रशेखर एडवोकेट एवं डॉ ज्ञानेंद्र द्विवेदी थे।सरस्वती वंदना हरिओम निरपेक्ष ने की तथा गोष्टी की सभापति शिवकरण “सरस” जी ने की। सम्पूर्ण काव्य गोष्ठी का संचालन महामंत्री कैलाश सोनी ने किया।लखनलाल जोशी “ललित” ने अपनी कविता पढ़ते हुए सुनाया *”अंधकार के सूने पथ पर आओ मिलकर कदम बढ़ाएं।*
*आओ नूतन वर्ष मनाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।।*
अर्पित दीक्षित ने पढ़ा *कुछ खट्टी कुछ मीठी बाते करें, कुछ भूल उसे हम याद करें।*
*नया मंच नव अभिनव हो, नया वर्ष का उत्साह भरें।।*
कैलाश प्रसाद सोनी ने सुनाया- *तू-तू मैं-मैं में गया सन चौबीस साल।*
*चर्चा भूत अतीत की अब पचचीस का साल।।*
शिवकरण सिंह सरस ने सुनाया- *स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा आल्हादित है हृदय हमारा*
हरीराम गुप्त निरपेक्ष जी ने पढ़ा *चुप थे पर थे तो प्रयासरत, बढ़बोलो से अच्छे थे।*
*यदि ऐसे दिन अच्छे हैं तो वे दिन भी अच्छे थे।।*
नीतिराज सिंह ने पढ़ा *कैसे बदला कोई बदले गांव का मौसम*
*पत्ता पत्ता हरा भरा था। फूल फूल था शबनम*
डॉ ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने अपनी रचना में पढ़ा- *बीत चला यह साल अंत की ओर।*
*डूब रहा है वह सूरज शाम की ओर*
मुन्नीलाल अवस्थी ने पढ़ा- *वंदन है विदा हो रहा है खट्टी मीठी यादों में।*
*अभिनंदन है आने वाले मंगल सृजन इरादों का।।*
दिनेश दुबे ने हास्य व्यंग्य सुनाया *अधिकारी नेता सब खा रहे दीक्षित केर मिठाई।*
*कृषक बेचारा पड़ा खेत में ओढ़े फटी रजाई।।*नये साल की नई बधाई*
कमलेश सिंह गौर *आरंभ हुई है खुलने उत्कंठाओं की झांकी।*
*तृषित छोड़कर मत जाओ रजनी अभी है बाकी।।*
श्री गणेश सिंह विद्यार्थी पत्रकार *भूल कर सारी वैमनस्यता प्यार का नया मुकाम पाएंगे।*
*नए साल में मिलजुल कर एक नया इतिहास बनाएंगे।।*
अवधेश कुमार साहू *चलो सजना हमका अब मेला घुमाई देवा*
वीरेंद्र कुमार पाल गजल सुनाते हैं, *उस दोस्त से दुश्मन भला, है वह अगर है बेवफा*
सलीम मुहम्मद जी पढ़ा-
*उनसे जब से मुलाकात होने लगी, नजरों नजरों में यूं बात होने लगी*
साथ ही अन्य कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। आयोजित कार्यक्रम के अंत में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी तथा जनपद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि परिषद के सदस्य जय गोविंद मिश्रा जी को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रहकर ईश्वर से प्रार्थना की गई। अंत में देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया गया।

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