गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं शासन की प्राथमिकता, लापरवाही क्षम्य नहीं:डीएम

एक रुपये की पर्ची में लाखों रुपये का इलाज कराने का सामर्थ्य, मानवीय दृष्टिकोण रखें चिकित्सक
यूविन पोर्टल से जाने नजदीकी टीकाकरण केंद्र, बच्चों को दें 12 बीमारियों से सुरक्षा
डीएम की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक संपन्न, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर ज़ोर
लचर प्रदर्शन पर एमओआईसी कल्याणपुर का स्थानांतरण करने का दिया निर्देश
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की शाखा-निकाय की बैठक आयोजित की गई। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई। इनमें राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, परिवार कल्याण योजना, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य मिशन, नियमित टीकाकरण अभियान तथा आयुष्मान भारत योजना प्रमुख रूप से शामिल रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में मात्र एक रूपए के पर्चे पर मिलने वाली सेवाएं आमजन के लिए एक बड़ी सुविधा हैं, जो कई बार निजी अस्पतालों में लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं मिल पातीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक डॉक्टर को मरीजों का उपचार मानवीय दृष्टिकोण व संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए।
उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी और उत्तरदायित्व के साथ करने की अपेक्षा व्यक्त की।
बैठक में यह बताया गया कि अब 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण और भी सरल व सुलभ हो गया है। U-WIN पोर्टल के माध्यम से अभिभावक अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए दिए गए लिंक
https://maps.app.goo.gl/QptEspfy8p9UBH9N9
या QR कोड स्कैन कर जानकारी ली जा सकती है। टीकाकरण के बाद डिजिटल प्रमाणपत्र भी तत्काल डाउनलोड किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि समय पर टीकाकरण कराने से बच्चों को पोलियो, खसरा, टिटनस, डिप्थीरिया, रूबेला, टीबी, हेपेटाइटिस बी जैसी 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव मिलता है। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने की अपील की।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी एमओआईसी व डीसीपीएम अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करें, जिसकी जांच कर रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की जाए।
गीता नगर और हरजिंदर नगर के डी-टाइप स्वास्थ्य केंद्रों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने उनकी स्थिति को अत्यंत निराशाजनक बताते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि स्वयं केंद्रों का निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
बिधनू, ककवन और बिल्हौर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण, डिजिटल हेल्थ मिशन व संचारी रोग नियंत्रण अभियानों में अपेक्षित प्रगति न होने पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
कल्याणपुर सीएचसी के एमओआईसी व सीएचओ द्वारा लापरवाही बरतने के कारण विभिन्न स्वास्थ्य मानकों पर ब्लॉक का प्रदर्शन कमजोर पाया गया। इस पर जिलाधिकारी ने एमओआईसी का तत्काल स्थानांतरण करते हुए दोनों अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
टीकाकरण अभियान की सफलता हेतु ब्लॉक स्तर पर व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने तथा स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया।
इसके अतिरिक्त, शासन की लाभकारी योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर तक पहुँचाने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में आपदा प्रबंधन का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने के निर्देश भी दिए गए, ताकि योजनाओं की जानकारी समयबद्ध और प्रभावी तरीके से ग्रामीणों तक पहुंचाई जा सके।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि आशा व एएनएम के साथ होने वाली बैठकों में वैब (VAB) बच्चों के चिन्हांकन पर विशेष ध्यान दिया जाए, और सभी रजिस्टरों का नियमित निरीक्षण व सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।
डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यक्षमता अत्यंत आवश्यक हैं। प्रत्येक अधिकारी को जनहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्य का निष्पादन करना होगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी सहित समस्त संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।