सीडीओ की अनूठी पहल, आईजीआरएस शिकायतों के आधार पर ग्राम पंचायतों में लगी जन चौपालें

प्रत्येक ब्लॉक की एक-एक ग्राम पंचायत में आयोजिय हुई चौपाल
147 में से 57 शिकायतों का मौके पर निस्तारण
कानपुर नगर, 19 सितम्बर।
मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की पहल पर शासन की मंशा “गांव की समस्या, गांव में समाधान” को मूर्त रूप देने के लिए शुक्रवार को जनपद की चयनित ग्राम पंचायतों में विशेष जन चौपालों का आयोजन किया गया। यह पहला अवसर है जब आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से सर्वाधिक शिकायतों वाले ग्रामों की पहचान कर चौपालें आयोजित की गईं। ऐसे 50 ग्राम चिन्हित किये गए हैं, जिनमें आज दस ग्रामों में चौपाल आयोजित की गई। मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जनपद और तहसील स्तर के नामित नोडल अधिकारियों की अध्यक्षता में इन चौपालों का संचालन हुआ। इनका उद्देश्य केवल शिकायतों का निस्तारण ही नहीं रहा, बल्कि योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना, पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाना, गाँव में कराए गए कार्यों का सत्यापन करना और ग्रामीणों से संवाद स्थापित करना भी इसमें शामिल रहा।
सीडीओ दीक्षा जैन ने कहा कि अब छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक नहीं आना पड़ेगा। चौपाल में ही उनकी शिकायतें सुनी जाएँगी और समाधान कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अन्नप्राशन और गोदभराई जैसे सामाजिक कार्यक्रमों को चौपाल से जोड़ने से यह आयोजन गाँव के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ गया है।
जन चौपालों में ग्राम्य जीवन से जुड़े हर पहलू पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्वच्छता और साफ-सफाई की स्थिति का आकलन किया गया। मनरेगा के कार्य और मजदूरी भुगतान, महिला मेट व समूहों की गतिविधियाँ, वित्त आयोग की धनराशि से कराए गए विकास कार्य, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, जल निकासी, नाली और संपर्क मार्ग, गौ आश्रय स्थल, विद्यालय भवन और एमडीएम, नहर और नलकूपों से सिंचाई व्यवस्था, संचारी रोग नियंत्रण और टीकाकरण, राशन वितरण, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आंगनबाड़ी और एएनएम केंद्र, वृद्धा, निराश्रित और दिव्यांग पेंशन तथा छात्रवृत्ति तक का निरीक्षण और सत्यापन नोडल अधिकारियों द्वारा किया गया। इन चौपालों में पंचायत, स्वास्थ्य, कृषि, राजस्व, शिक्षा, सिंचाई, पशुपालन, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं रसद और जल जीवन मिशन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
विकास खंडवार शिकायतों की स्थिति भी उल्लेखनीय रही। सरसौल विकास खंड की ग्राम पंचायत नर्वल में कुल 14 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें से 8 का मौके पर निस्तारण किया गया। भीतरगांव की ग्राम पंचायत भीतरगांव में 4 शिकायतें दर्ज हुईं लेकिन मौके पर कोई निस्तारण नहीं हो सका। घाटमपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत रेउना में 14 में से 8 शिकायतों का समाधान हुआ। पतारा की ग्राम पंचायत गिरसी में प्राप्त 33 शिकायतों में से 3 का निस्तारण किया गया। विधनू विकास खंड की ग्राम पंचायत कठोगर में 9 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें से 5 का मौके पर निस्तारण कराया गया। चौबेपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत मालो में 30 शिकायतों में से 18 का निस्तारण हुआ। शिवराजपुर की ग्राम पंचायत उत्तरी में 12 शिकायतें दर्ज हुईं जिनमें से 4 का समाधान किया गया। बिल्हौर की ग्राम पंचायत पूरा में 22 शिकायतों में से 5 का निस्तारण हुआ। ककवन की ग्राम पंचायत औरोतहारपुर में 9 शिकायतों के सापेक्ष 6 शिकायतें मौके पर सुलझा दी गईं।
इस प्रकार कुल 147 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 57 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया गया। इनमें सबसे अधिक शिकायतें विद्युत आपूर्ति, पाइप पेयजल और आवास से संबंधित थीं। चौपालों में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। केवल भीतरगांव विकास खंड में तीन व्यक्तियों की मृत्यु के कारण उपस्थिति कम रही, जबकि कल्याणपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत ख्योराकटरी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए चौपाल का आयोजन नहीं हो सका।
सीडीओ दीक्षा जैन ने कहा कि आईजीआरएस शिकायतों के आधार पर इस प्रकार की जन चौपाल पहली बार आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि आगामी शुक्रवार, 26 सितम्बर को भी प्रत्येक विकास खंड की एक-एक चयनित ग्राम पंचायत में चौपालें लगाई जाएँगी, जिसमें जनपद स्तरीय अधिकारी प्रतिभाग करेंगे।