भारत सरकार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर द्वारा एक दिवसीय विपणन एवं डिजिटल प्लेटफार्म ऑनबोर्डिंग प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया

कानपुर नगर, भारत सरकार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर द्वारा अपने कार्यालय परिसर में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों के लिए एक दिवसीय विपणन एवं डिजिटल प्लेटफार्म ऑनबोर्डिंग प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला योजना के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में, एमएसएमई मंत्रालय द्वारा मीशो प्रा० लि० के तकनीकी सहयोग से आज दिनांक 17 सितम्बर, 2025 को ऑडिटोरियम हॉल, एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर में आयोजित हुई।
कार्यक्रम में लगभग 112 विश्वकर्मा शिल्पकारों/कारीगरों ने भाग लिया, जिनमें डॉल एवं खिलौना निर्माता–12, सोनार–14, लोहार–11, बढ़ई–15, मोची–16, धोबी–18, नाई–08 एवं दर्जी–18 प्रतिभागी सम्मिलित रहे। इस अवसर पर 20 लाभार्थियों को मीशो प्रा० लि० के प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कार्यालय प्रमुख संयुक्त निदेशक विष्णु कुमार वर्मा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में एस.पी. यादव, उपायुक्त उद्योग, कार्यालय संयुक्त उद्योग, कानपुर मण्डल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक श्री अविनाश कुमार अपूर्व तथा समन्वयन श्री नीरज कुमार, सहायक निदेशक द्वारा किया गया।
एस.के. पाण्डेय, सहायक निदेशक, एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों, लाभार्थियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों का अभिनन्दन किया।
मुख्य अतिथि एस.पी. यादव ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें केवल 4.50 लाख रुपये ही वापस करने होते हैं। उन्होंने राज्य सरकार की अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी।
दीपक कुमार, मण्डल प्रबंधक, यूको बैंक, कानपुर ने योजना से संबंधित ऋण संबंधी जानकारी साझा की और कहा कि बैंक सदैव विश्वकर्मा कारीगरों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है, जिससे वे अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
सुश्री श्रृष्टिका, सहायक जिला अग्रणी प्रबंधक ने ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी। उन्होंने सिबिल स्कोर को बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि समय पर भुगतान करने से बड़े ऋण प्राप्त करने में सुविधा होती है।
संयुक्त निदेशक विष्णु कुमार वर्मा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि एमएसएमई कार्यालय विश्वकर्मा शिल्पकारों की हर समस्या के समाधान हेतु तत्पर है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य लाभार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना है, जिससे उनके उत्पाद देशभर में उपलब्ध हो सकें और उनकी आय में वृद्धि हो।
तकनीकी सत्र में विकास आनंद, प्रतिनिधि, मीशो प्रा० लि० ने चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन पंजीकरण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छोटे उद्यमी बिना जीएसटी के भी ऑनबोर्ड हो सकते हैं तथा प्रत्येक उत्पाद की अधिकतम 07 तस्वीरें अपलोड की जा सकती हैं।
धन्यवाद ज्ञापन अमित बाजपेयी, सहायक निदेशक द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में नीरज कुमार, सहायक निदेशक/समन्वयक (पीएमवी) ने योजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत भारत में निर्धारित 30 लाख कारीगरों के लाभार्थी लक्ष्य को 5 वर्षों की बजाय केवल 2 वर्षों में ही प्राप्त कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश में पंजीकृत विश्वकर्मा लाभार्थियों की संख्या 1,77,958 है, जिनमें से 1,28,543 को कौशल प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। अब तक 11,335 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत कर 103.04 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं तथा 42,265 टूलकिट का वितरण किया जा चुका है।
इस अवसर पर कार्यालय के सहायक निदेशक के.पी. शील, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता, रजत कटियार एवं सुश्री अंकिता पाण्डेय, युवा पेशेवर उपस्थित रहे।