उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट आदेश पर जताई आपत्ति, सरकार से की अपील

ललितपुर 01 सितम्बर 2025 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय ने पूरे देश के लाखों शिक्षकों के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है। आदेश के अनुसार अब ऐसे सभी सेवारत शिक्षक, जिनकी सेवा अवधि पाँच वर्ष से अधिक शेष है, को सेवा में बने रहने के लिए आगामी दो वर्षों के भीतर टीईटी (TET) परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय ने विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के लगभग 2.5 लाख शिक्षकों और उनके परिवारों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
इस संदर्भ में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से जिलाधिकारी ललितपुर को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से हस्तक्षेप की अपील की है। शिक्षक संघ का कहना है कि— आर टी इ एक्ट, 2009 और 23 अगस्त 2010 की गाइडलाइन के अनुसार, 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा गया था।
लेकिन 03 अगस्त 2017 में आर टी इ एक्ट 23(2) में संशोधन कर सभी शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्य कर दिया गया। इस बदलाव की किसी प्रकार की सूचना या नोटिस शिक्षकों को नहीं दी गई। मौजूदा मुकदमे में केवल महाराष्ट्र और तमिलनाडु सरकारें पक्षकार थीं, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य शामिल ही नहीं थे, फिर भी धारा 142 का प्रयोग कर देशव्यापी आदेश जारी कर दिया गया। संघ के अध्यक्ष मो. मुनीर ने कहा कि हम शिक्षकों की प्रमुख आपत्तियाँ यह हैं कि
1. अलग-अलग समय पर अलग-अलग मानकों से हुई भर्तियों को एक ही पैमाने से आँकना अनुचित है।
2. कई नियुक्त शिक्षक आयु या अन्य कारणों से टीईटी परीक्षा देने की पात्रता ही नहीं रखते।
3. निर्णय से शिक्षक मानसिक तनाव में हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
4. आदेश लागू होने पर सेवारत शिक्षकों की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगेगा और बेसिक शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होगी।
5. यह आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के भी प्रतिकूल है।
शिक्षक संघ ने सरकार से यह मांग की है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में उत्तर प्रदेश के शिक्षकों का पक्ष प्रभावी रूप से रखा जाए।
यदि आवश्यक हो तो संबंधित अधिनियम/नियमों में संशोधन कर 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाए। लाखों शिक्षकों और उनके परिवारों को आजीविका संकट और मानसिक तनाव से बचाया जाए।
ज्ञापन के समय जिला अध्यक्ष मोहम्मद मुनीर, जिला महामंत्री राजेश साध, प्रान्तीय सदस्य बाबूलाल वर्मा, मंडलीय मंत्री बाबूलाल राठौर, मोहम्मद जाकिर, गणेश नामदेव, विनीता निरंकारी, उर्वशी साहू, संध्या वर्मा, अनिल सिंह, शाहिद मंसूरी, खालिद खान, सुशील आर्या, मोहम्मद कादिर, शकील अहमद सहित अनेक शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे।