जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज, कानपुर के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया गया

कानपुर नगर उपदेश टाइम्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) द्वारा प्रत्येक वर्ष 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों को मजबूत करना तथा आत्महत्या की रोकथाम हेतु समाज के सभी वर्गों को जोड़ना है।
भारत में स्थिति :
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार देश में आत्महत्या की दर लगातार बढ़ रही है।
2017 में आत्महत्या दर 9.9 प्रति लाख जनसंख्या थी, जो 2022 में बढ़कर 12.4 प्रति लाख जनसंख्या हो गई।
राज्यों में यह दर अत्यधिक भिन्न है बिहार में 0.6 प्रति 1,00,000 से लेकर सिक्किम में 43.1 प्रति 1,00,000 तक।
विजयवाड़ा (42.6/1,00,000) और कोल्लम (42.5/1,00,000) जैसे शहरों में सर्वाधिक आत्महत्या दर दर्ज की गई।
महत्वपूर्ण प्रवृत्तियाँ (Trends):
नशे और आत्महत्या का बढ़ता संबंध 2017 में 5.2% आत्महत्याएँ नशे से जुड़ी थीं, जो 2022 में बढ़कर 6.8% हो गईं।
छात्र आत्महत्याएँ – 2017 से 2022 तक लगभग 8% आत्महत्याएँ छात्रों द्वारा की गईं। परीक्षा में असफलता और कोचिंग सेंटर्स वाले शहरों (कोटा, त्रिशूर, चेन्नई) में आत्महत्या समूह (clusters) देखे गए।
आत्महत्या के तरीके बदलना फाँसी द्वारा आत्महत्या 2017 में 49.8% से बढ़कर 2022 में 58.2% हो गई, जबकि ज़हर खाने की घटनाएँ 27.5% से घटकर 25.4% रह गईं। रोकथाम के उपाय :नशे की समस्या वाले व्यक्तियों के लिए स्क्रीनिंग, काउंसलिंग एवं रेफरल सेवाएँ उपलब्ध कराना।