कानपुर नगर उपदेश टाइम्स
आज दिनांक 11/12/2024 को गीता जयंती के उपलक्ष्य में द्वारा विशाल गीता संदेश मानव श्रृंखला निकली गई।जिसमें डाo सीमा द्विवेदी डाoअनुपमा गुप्ता,एवं लगभग 200 चिकित्सक छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम की शुरुआत गीता जयंती के उपलक्ष्य में डॉ संजय काला ने बच्चों को गीता से जुड़ी जीवन के मूल मंत्रों को बताया…
पूर्ण ज्ञान और आलस्य मुक्त कर्म करने से सफलता के सभी मार्ग प्रशस्त हो जाते है। फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है, परन्तु नियमित निस्वार्थ कर्म के द्वारा मनुष्य कुछ भी प्राप्त कर सकता है।कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है। डॉ सीमा द्विवेदी ने कहा,मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए। जब इंसान अपने काम में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं जीवन में मनुष्य का सर्वोत्तम लक्ष्य स्वयं के साथ साथ दुसरो को बेहतर बनाना होना चाहिए।
इस तरह से अपने लक्ष्य को साधो की तुम्हे इस दुनिया में और कोई दूसरी चीज़ दिखे ही न , न भूतकाल और न ही भविष्य की चिंता किये बिना प्रत्येक व्यक्ति वर्तमान में जीकर सफल हो सकता है।जीवन में सभी व्यक्ति अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर सफलता प्राप्त करें में सफल हो श्रृष्टि का यही नियम है जिसका जन्म हुआ है उसका अंत भी निश्चित होता है।डॉ अनुपमा गुप्ता ने कहा।
सफलता कोई बाहरी वस्तु नही है बल्कि जब आप खुद को बेहतर तरीके से समझ लेते हो तब आप सफल हो जाते हो। केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के समान है।
आपको अपने जीवन में कर्म की इच्छा होनी चाहिए न की कर्म से मिलने वालो फलों की।
बच्चों से अनुरोध किया गया कि वो अपना आदर्श बनाते हुए गीता का स्वअध्ययन करे और उसका अपने जीवन में अनुसरण करें।