डीएम ने यमुना नदी के मत्स्य क्षेत्र का पट्टा पत्र किया वितरित

सात मत्स्य खंडों से प्राप्त हुआ 95.68 लाख रुपये का राजस्व, गत वर्ष प्राप्त हुआ था 44 लाख का राजस्व
कानपुर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में यमुना नदी मत्स्य पालन खण्डों के आवंटियों को पट्टा प्रमाणपत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने, जल संसाधनों के समुचित उपयोग और स्थानीय रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने सभी मत्स्यपालक समूहों को शुभकामनाएं देते हुए अपेक्षा व्यक्त की कि निर्धारित मानकों एवं पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस वर्ष यमुना नदी के सात खंडों की नीलामी में 95.68 लाख रुपये की उच्चतम बोली प्राप्त हुई है, जो पिछले वर्ष के 44 लाख रुपये के राजस्व की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। यमुना नदी के कुल 44.25 किलोमीटर क्षेत्र को आठ खंडों में विभाजित किया गया है। इसमें खंड एक एवं खंड तीन का आवंटन मत्स्यजीवी सहकारी समिति काटर को, खंड दो का मत्स्यजीवी सहकारी समिति कटरी प्रथम को, खंड पांच एवं छह का मत्स्यजीवी सहकारी समिति हरदौली को, खंड सात का मत्स्यजीवी सहकारी समिति रामपुर को तथा खंड आठ का मत्स्यजीवी सहकारी समिति समूही को किया गया है। खंड चार के लिए कोई बोली प्राप्त न होने के कारण वह रिक्त रहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि बढ़ा हुआ राजस्व यह दर्शाता है कि जनपद में मत्स्य पालन क्षेत्र में निवेशकों एवं मछुआरा समुदाय का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मत्स्य पालन खण्डों का आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है, जिससे स्थानीय मत्स्यजीवी परिवारों को स्थायी आय के अवसर प्राप्त होंगे।
जिलाधिकारी ने सभी आवंटियों से मत्स्य संरक्षण, अवैध शिकार पर रोकथाम एवं जल प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग का आह्वान किया।
इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक चतुर्वेदी, सहायक निदेशक मत्स्य सुनीता वर्मा, कुसुम सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं मत्स्यपालक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।