भारतीय बाल रोग अकादमी, कानपुर द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया

बाल रोग विभाग सभागार, हैलेट अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह (25 से 31 जुलाई 2025) के उपलक्ष्य में आज भारतीय बाल रोग अकादमी, कानपुर द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बाल रोग विभाग सभागार, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग भारती, डॉ. रोली मोहन, डॉ. वी. एन. त्रिपाठी, डॉ. शैलेन्द्र गौतम, एवं डॉ. अमितेश यादव ने मीडिया को दस्त से होने वाली मृत्यु और ओआरएस की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ. अनुराग भारती ने बताया कि “पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में दस्त की स्थिति में ओआरएस का प्रयोग अनिवार्य है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा कर जीवन रक्षक की भूमिका निभाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी दस्त के इलाज में ओआरएस को अनिवार्य औषधि के रूप में मान्यता दी है।डॉ. वी. एन. त्रिपाठी ने बतायाडायरिया के दौरान तथा उसके बाद 14 दिनों तक जिंक का सेवन करने से डायरिया की गंभीरता में कमी आती है और पुनः होने की संभावना कम हो जाती है।”