डीएम ने उप कृषि निदेशक कार्यालय का किया औचक निरीक्षण, 6 कर्मचारी मिले अनुपस्थित
कार्यालय परिसर में मिली गंदगी पर जताई गहरी नाराजगी जिम्मेदार कार्मिक को दिया प्रतिकूल प्रविष्टि
कानपुर नगर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को उप कृषि निदेशक कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति, व्यवस्था और कार्यालय स्वच्छता से संबंधित कई अनियमितताएँ सामने आईं।
उपस्थिति पंजिका के अवलोकन में छह कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इनमें प्रधान सहायक मनोज कुमार शुक्ला, अवर अभियंता आनन्द राव गौतम, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह और सुशील कुमार, कनिष्ठ सहायक अंकिता सिंह सेंगर तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हाकिम सिंह शामिल हैं। डीएम ने निर्देश दिया कि सभी को 14 नवम्बर को अनुपस्थित चिह्नित किया जाए और उनका वेतन जिलाधिकारी की अनुमति के उपरांत ही जारी किया जाए।
निरीक्षण के दौरान पटल सहायकों के कक्षों में फाइलें अव्यवस्थित, मेज-कुर्सियों पर धूल, तथा दीवारों पर जाले पाए गए। जिलाधिकारी ने इसे असंतोषजनक बताते हुए कार्यालय व्यवस्था में तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने उप कृषि निदेशक को एक सप्ताह के भीतर पत्रावलियों को सुव्यवस्थित करने और साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा।
एक कक्ष की खिड़कियों के शीशे टूटे पाए गए, जिन्हें देखते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टूटे शीशों के कारण सुरक्षा और स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कार्यालय परिसर में स्थित शौचालय का निरीक्षण भी संतोषजनक नहीं पाया गया। शौचालय की साफ-सफाई की जिम्मेदारी स्टोर इंचार्ज तथा प्रधान सहायक मनोज कुमार शुक्ला के पास है, जो निरीक्षण के समय अनुपस्थित थे। इस पर जिलाधिकारी ने उनके विरुद्ध विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यालय व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित करने के लिए सभी बिंदुओं पर समयबद्ध कार्रवाई अपेक्षित है।
डीएम ने किया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्वोदय नगर का औचक निरीक्षण
तैनात एएनएम मोबाइल देखती मिलीं, डॉक्टर अनुपस्थित डीएम ने जताई कड़ी नाराज़गी
कानपुर नगर।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को प्रातः 11 बजे नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सर्वोदय नगर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर खामी मिली। डीएम के पहुँचते ही पूरा स्टाफ हड़बड़ा गया।
निरीक्षण के दौरान एआरओ नीरज कुमार सिद्धार्थ अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने उनका वेतन काटने के निर्देश दिए।
इसके बाद जब डीएम ओपीडी कक्ष में पहुँचे तो वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। उपस्थिति पंजिका में दर्ज था कि तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. मधु अवकाश पर हैं, जबकि उनकी जगह ड्यूटी पर आने वाली डॉ. निधि निगम भी अनुपस्थित मिलीं। इस पर जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण तलब किया।
निरीक्षण के समय तक एक भी ओपीडी दर्ज नहीं हुई थी, जिसे देखकर जिलाधिकारी ने नाराज़गी जताई। उन्होंने सीएमओ कार्यालय से प्रतिकर अवकाश (कम्पेनसेटरी लीव) का विस्तृत ब्यौरा भी मांगा।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एएनएम संजू, बीना, हेमलता और मेमसा सभी अपने-अपने मोबाइल में व्यस्त मिलीं।
फील्ड में रहने की जगह चारों स्टाफ अपनी कुर्सियों पर बैठकर मोबाइल देख रही थीं। डीएम ने उन्हें फील्ड पर न होने का कारण पूछा, लेकिन कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकी।
जिलाधिकारी ने इसे कर्तव्य में घोर लापरवाही मानते हुए कड़ी नाराज़गी प्रकट की।
लैब का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि दिनभर में एक भी जांच नहीं हुई थी। उपकरण मौजूद थे, परंतु सैंपल की एंट्री शून्य थी।
डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र पर ऐसी स्थिति स्वीकार्य नहीं है और
गैरजिम्मेदार स्टाफ के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्धारित समय पर
फील्ड तथा केंद्र पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए।

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