“ओ भोले ओ भोले” के जयकारों से गूंजा झूलेलाल मंदिर — चालिहा महोत्सव के 13वें दिन हुआ भव्य आयोजन

कानपुर, श्री झूलेलाल मंदिर गोविंद नगर में आयोजित चालिहा महोत्सव के 13वें दिन भक्ति और श्रद्धा की अलौकिक छटा देखने को मिली। ओ भोले ओ भोले के गगनभेदी जयघोषों और भजनों की सुमधुर स्वर लहरियों से मंदिर प्रांगण गूंज उठा।
16 जुलाई से प्रारंभ हुए भगवान श्री झूलेलाल जी के चालिहा महोत्सव का आयोजन प्रतिदिन भक्ति भाव और उल्लास के साथ जारी है। आज के 13वें दिन, मंदिर में सायं 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक पूजा, भजन संध्या, आरती, पल्लव एवं भंडारे का आयोजन श्रद्धालुओं की व्यापक उपस्थिति में हुआ। भजन संध्या में झांसी के प्रसिद्ध भजन गायक मास्टर बंटी (कुलदीप जी) ने “करके नंदी की सवारी चले मेरे भोलेनाथ रे…” जैसे भावपूर्ण भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर ओर “ॐ नमः शिवाय” का उद्घोष गूंज रहा था और भक्तजन भावविभोर होकर झूमने लगे। इस अवसर पर श्री भोलेनाथ जी का महारुद्राभिषेक भी विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ। मंदिर परिसर में अपार श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
प्रमुख सेवादारी श्री सुरेश धमीजा द्वारा सभी भक्तों का चंदन तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से
श्याम लाल मूलचंदानी (अध्यक्ष), सुरेश कटारिया, महेश मनचंदा, बंटी सिधवानी, नरेश फूलवानी, चंद्र भान मोहनानी, मुरारी लाल चुग, बिहारी लाल बजाज, बलराम कटारिया, गणेश बजाज, मनोज लालवानी, सुरेश धमीजा, दिनेश कटारिया, विनोद मूर्जनी, मोहन मुकेश, अमित कटारिया, पूरन बजाज, मनोज डब्बू, हरिराम गंगवानी, सुनील अलवानी, लक्ष्मण दास, संजय चुग, राजकुमार मोटवानी, रमेश मुरझानी, शिव द्विवेदी, पूनम चुग, मंजू खत्री, रूम डबरानी, हेमा शर्मा, ज्योति गेरा, शीतल गेरा एवं अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे। यह महोत्सव धार्मिक आस्था, सेवा भावना और सामुदायिक समर्पण का प्रतीक बन चुका है। आने वाले दिनों में और भी विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रहेगी।