जरा याद करो कुर्बानी, लांस नायक अमर बहादुर सिंह( वीरगति प्राप्त)

देश के मैदानी इलाकों में मई महीने की तपती गर्मी, सैनिकों की रद्द होती छुट्टियों के तार, तेजी से चलती लू में भारतीय सेना की टुकड़ियों का सड़क और रेल मार्ग से जम्मू कश्मीर की ओर तेजी से प्रस्थान, यह सब कुछ ग्रामीण इलाकों में एक अजीब सा माहौल बना रहे थे । इस माहौल का कारण था हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा सर्दियों में खाली पड़ी हमारी सेना चौकियों पर जबरन कब्जा कारण, जिसकी भनक 03 मई 1999 तक किसी को भी नहीं थी, यहाँ तक कि देश के ख़ुफ़िया विभाग को भी नहीं । 03 मई को जब एक चरवाहे ताशी नामग्याल ने सेना को सूचना दी कि पहाड़ियों पर कुछ लोग घूम रहे हैं, जो कि संदिग्ध लग रहे हैं । सूचना मिलते ही सेना हरकत में आ गयी । पूरी तरह से यह तस्दीक करने के बाद कि कारगिल की पहाड़ियोँ पर जो संदिग्ध दिख रहे हैं वह पाकिस्तानी हैं । यह सूचना सेना से होते हुए देश के नेतृत्व तक पहुंची । स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सेना द्वारा “ऑपरेशन विजय “ और वायु सेना द्वारा “सफ़ेद सागर” नाम से अभियान शुरू कर दिया गया ।
इसी क्रम में 1 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट को भी ऑपरेशन विजय में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए लाया गया । पाकिस्तानी सैनिकों के साथ युद्ध में 1 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट के जवानों का सामना हुआ । उनके साथ युद्ध में रहे सैनिकों के अनुसार जिस दिन हमला हुआ उस दिन करीब 8 घंटे तक लगातार दोनों ओर से गोलियां चलीं। इसी हमले में लांस नायक अमर बहादुर सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए । जिस समय लांस नायक अमर बहादुर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए उस समय उनके बेटे अजय सिंह महज कुछ दिनों के थे ।
लांस नायक अमर बहादुर सिंह का जन्म 06 अगस्त 1969 को जनपद उन्नाव की तहसील बीघापुर के बिहार थाना क्षेत्र के गांव बजौरा में श्रीमती रामप्यारी सिंह और श्री मनमोहन सिंह के यहाँ हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा आर बी इंटर कालेज बिहार, उन्नाव से पूरी की और 01 मार्च 1988 को 19 साल की उम्र में वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में भर्ती हुए । वे चार भाइयों – रणबहादुर सिंह , राय सिंह तथा रामचंद्र सिंह में सबसे बड़े थे। अमर बहादुर सिंह के परिवार में उनके माता पिता, पत्नी श्रीमती मिथलेश सिंह, चार बेटियां चार पूजा, शिल्पा, प्रिया व अनीता और एक बेटा अजय सिंह है। चारों बेटियों की शादी हो चुकी है।
लांस नायक अमर बहादुर सिंह की वीरता और बलिदान को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उनके गांव में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की गई है । लांस नायक अमर बहादुर सिंह के नाम पर उनके गाँव की सड़क का नामकरण “कारगिल शहीद अमर बहादुर सिंह मार्ग ” किया गया है। सरकार की ओर से उनके परिवार को एक गैस एजेंसी का आवंटन भी किया गया है ।
आपको बताते चले कि लांस नायक अमर बहादुर सिंह के छोटे भाई रामचंद्र सिंह भी सेना में अपनी सेवाए दे चुके हैं और सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। लांस नायक अमर बहादुर सिंह जनपद उन्नाव के एकमात्र कारगिल के वीरगति प्राप्त सैनिक है ।
हरी राम यादव
सूबेदार मेजर (आनरेरी)
7087815074