भारत मूल के मतदाता प्रभावित करेंगे 24 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप)
अमेरिका में साठवां राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 24 को आयोजित किया गया है इस चुनाव से अमेरिका में 47 वां राष्ट्रपति एवं 50वां उपराष्ट्रपति चुना जाएगा। अमेरिका एक शक्ति संपन्न राष्ट्र है और उसकी नीतियां,राजनीति एवं कूटनीति पूरी दुनिया के देशों को प्रभावित करती है फिर वह राजनीतिक सामरिक अथवा व्यापारिक लेनदेन, समझौते या युद्ध में मदद की बात हो अमेरिका का दखल लगभग सभी मसलों में एक जैसा रहता है। यह अलग मुद्दा है कि पश्चिम एशिया,चीन, रूस एवं नॉर्थ कोरिया जैसे देश अमेरिका के धुर विरोधी रहे हैं। चीन और रूस के सामरिक,व्यापारिक और एटॉमिक मसलों पर आपस में टकराते रहे हैं। यह गौर किए जाने वाली बात है कि अमेरिका में अगला राष्ट्रपति ही अमेरिका सहित अन्य कई देशों के दिशा-निर्देश तय करेंगा। चुनाव से पहले अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के एक बड़े समूह ने चुनाव में भारतीय अमेरिकी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रयोजन शुरू किया है। एक नान प्रॉफिटेबल संस्था फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायसपोरा स्टडीज ने एक अभियान चलाया है जिसे इंडो अमेरिकन वोटर्स मेटर इस नाम दिया गया है जिसमें तमाम भारतवंशियों को एक छत के नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है। अमेरिका में स्विंग राज्यों (बैटल-ग्राउंड )जिनमे एरीजोना, पेन सेल्वानिया जॉर्जिया मिशीगन नेवाडा नॉर्थ कैरोलिना एवं विस्कासिन्स राज्य इनमें निवासरत भारतीय मूल के मतदाता राष्ट्रपति चुनाव को खासा प्रभावित करने वाले होतें हैं को प्रभावित करने का प्रयास किया जाएगा। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के 42 लाख लोगों में लगभग 27 से 28 लाख मतदाता नागरिक हैं गौरतलब है कि वहां 18 साल से ऊपर वाले ही मतदान कर सकते हैं ऐसे में भारतीय मतदाताओं की भूमिका राष्ट्रपति चुनाव में अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रपति के चुनाव में अमेरिका की 538 सीटों में चुनाव होने हैं ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस एवं रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप यदि 270 से ज्यादा सीट जीतते हैं वो राष्ट्रपति पद के हकदार हो जाएंगे। चूंकि डोनाल्ड ट्रंप की बहुत ज्यादा उम्र है उन पर लगभग 34 अपराधिक प्रकरण भी न्यायालय में लंबित है ऐसे में उनका पक्ष कमजोर दिखाई देने लगा है एक सर्वे के अनुसार कई राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस डोनाल्ड ट्रंप से लोकप्रियता में काफी आगे चल रही है। कमला हैरिस के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टीम वाल्स एवं डोनाल्ड ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीनेटर जेडी वेंस होंगे, जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलकुरी जो भारतीय मूल की है और वे पूरे दमखम के साथ रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार प्रसार कर रही है अब वह डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से भारतीय मूल के मतदाताओं को अपनी तरफ करने के लिए स्टार प्रचारक बन चुकी है। भारतीय मतदाताओं को रिझाने के लिए अलग-अलग भारतीय मूल के लोग सक्रिय हैं। यह तो तय है कि स्विंग स्टेट यानी बैटल-ग्राउंड् में भारतीय मूल के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है एवं वहां के मतदाता जिनका की रुझान कभी भी राष्ट्रपति चुनाव में समझ में नहीं आया है वे जिस पार्टी को वोट देंगे वही पार्टी चुनाव जीतने में सक्षम होगी।
डेमोक्रेटिक पार्टी को अमेरिका में उदारवादी दल माना जाता है और उसके मेनिफेस्टो में नागरिक अधिकारों में बढ़ावा, सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना एवं जलवायु परिवर्तन मैं होने वाले नुकसान से निपटने हेतु उपाय करना शामिल है दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी (gop) यानी ग्रैंड ओल्ड पार्टी मानी जाती है और इसके एजेंडे में सरकार की सीमाओं को छोटा करना,हथियार रखने के प्रतिबंध एवं गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को तुरंत हटाने की बात शामिल हैl डेमोक्रेट पार्टी की कमला हैरिस रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के अलावा राष्ट्रपति चुनाव के मैदाने जंग में स्वतंत्र उम्मीदवार जॉन एफ कैनेडी के भतीजे रॉबर्ट एफ कैनेडी भी चुनाव लड़ रहे हैं।
अमेरिका के चुनाव के नतीजे से भारत भारत के रिश्तों में थोड़ा बहुत परिवर्तन तो होगा ही, डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व कार्यकाल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं डोनाल्ड ट्रंप के संबंध निजी तौर पर काफी प्रगाढ़ रहे हैं, डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान में दी जाने वाली अमेरिकी सहायता के खिलाफ रहे हैं यदि डोनाल्ड ट्रंप जीते हैं तो पाकिस्तान के लिए और बुरे दिन आने की संभावना है डोनाल्ड ट्रंप स्वयं व्यवसायिक व्यक्ति हैं ऐसे में भारत के साथ मझौले कद के उद्योगों को बढ़ावा देने वाली किसी भी योजना अथवा स्कीम में वह मदद नहीं करने वाले हैं एवं उनकी नीति भारत के एक्स
निर्यात को निराश करने वाली ही रहेगी। यह अलग बात है कि डोनाल्ड ट्रंप चीन पर नियंत्रण रखने का प्रयास करेंगे। यदि डेमोक्रेट पार्टी की कमला हैरिस चुनाव जीतती है और यदि जो बाईडेन की नीतियों पर चलने का प्रयास करेंगीं तो भारत द्वारा यूक्रेन के विरुद्ध रूस को समर्थन दिए जाने पर विरोध का स्वर जारी रखेंगीं, जो बाईडेन रूस यूक्रेन युद्ध के मध्य भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल लिए जाने पर खासा नाराज हुए थे भारत पर काफी दबाव भी डाला गया पर भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि रूस भारत का परंपरागत मित्र होने की वजह से और 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध रूस ने भारत की एक तरफ़ा मदद भी की ऐसे में भारत स्पष्ट रूप से रूस के साथ सामरिक आर्थिक मामलों में खड़ा हुआ है। कमला हैरिस चूंकि भारतीय मूल की है अतः उनकी संवेदना भारत के प्रति भविष्य में ज्यादा होने की आशाएं हैं।
संजीव ठाकुर