नशे का मतलब है समय से पहले मौत= कुमारी रंजीता कौशिक

स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया
हरियाणा/हिसार (राजेश सलूजा) :
फ़ैला उजियारा फाउंडेशन द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती शनिवार को युवा दिवस के रूप में मनाया गया ।इस उपलक्ष्य में गांव मांडी मे फाउंडेशन अध्यक्ष कुमारी रंजीता कौशिक ने महिलाएं के साथ नशे के विरुद्ध रैली निकाल कर आम जन को नशे के प्रति जागरूक किया गया।
कुमारी रंजीता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद
युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनका एक ही मूल मंत्र था युवा नशे का सहारा लेगा तो देश डगमगा जाएगा। उसके पास देश को आगे बढ़ाने की शक्ति समाप्त हो जाएगी। यह सच है हम अपना भविष्य नहीं बदल सकते लेकिन अपनी आदतें जरूर बदल सकते हैं। इसके लिए थोड़ा सा विश्वास बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि नशे का सेवन समय से पहले मौत की और ले जाता है। नशा करना है तो देश की हिफाजत का करें, देश की सीमाओं को सुरक्षित करने का करें समाज में बदलाव का करें ,देश का निर्माण करने का करें।
उन्होंने महिलाओं अपने परिवार को नशा ना करने शपथ भी दिलाई।
उन्होंने कहा कि नशे का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं। आज शराब, सिगरेट, तंबाकू का सेवन आम बात हो गई है। जिसके चुगल में फंस कर आम व्यक्ति अपने जीवन को इस दिशा में ले जा रहा है जिसका अंत समय से पहले मौत है। परिवारों की बर्बादी नशे का प्रमुख कारण है। इसके प्रभाव मेे आकर परिवार के परिवार समय से पहले मौत का निवाला बन रहे हैं।
फाउंडेशन अध्यक्षा ने कहा कि यह स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। हजारों परिवारों को ड्रग्स का सेवन अंदर से खोखला और बीमार बना रहा है। सरकार भी बड़े स्तर पर अभियान चला रही है।
उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से ब्रेन सही प्रकार से कार्य नहीं करता। नशे के आदि होकर बहुत से परिवार शारीरिक रूप से अपंग बन रहे हैं। सतर्कता और जागरुकता से ही हम नशे से अपने आप को बचा सकते हैं। उन्होंने आम जन से नशा ना करने का आहवान किया।
फाउंडेशन अध्यक्षा रंजिता कौशिक ने नशे के दुष प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे के प्रचुर मात्रा में प्रयोग करने से सोचने समझने की शक्ति कमजोर होने लगती है। इसका असर सबसे ज्यादा दिमाग पर पड़ता हैं। आज स्थिति यह हैं कि किसी भी तरह के नशा करने वाला व्यक्ति दिमागी तौर पर उच्च रक्तचाप का शिकार है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखने में आया है कि कई बड़े लोग नशे की लत से जूझ रहे हैं। सिगरेट की लत वालों को लगता है कि उनका केवल फेफड़ा कमजोर हो रहा है या शराब पीने वालों को लगता है कि इस नशे का असर उनके लिवर पर हो रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। आज नशे से संबंधित मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। उन्होंने आम जन से नशे से दूर रहने व अपने बच्चों को दूर रखने का आह्वान किया।