लायर्स क्लब व बार एसोसिएशन व लायर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्तावधान में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया

पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर बनारस में बर्बरता अपनी मांगों को लेकर दिया गया
कानपुर नगर उपदेश टाइम्स
केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता विरोधी दमनकारी नीति अपनाया जाना व हिंदुस्तान भर के अधिवक्ताओं की विधिक मांगों को वादा करने के बावजूद पूरा ना किया जाना व अधिवक्ताओं को पेंशन न दिया जाना साथ नये अधिवक्ताओं कों स्टाइपेंड की व्यवस्था न किया जाना
हम अधिवक्ता गण अपनी संस्था लायर्स क्लब संबंद्द इंटरनेशनल मीडिया प्रेस क्लब रजिस्टर्ड के माध्यम से पुनः अपनी मांगों को दोहराते हुए प्रधानमंत्री जी से अपेक्षा करते हैं की आप हम अधिवक्ताओं की मांगों पर विचार करेंगे। जब तक हमारी मांगे पूर्ण नहीं की जाती हैं अंतिम श्वास तक लड़ाई लड़ेंगे, इसके साथ ही बनारस में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ मारपीट तथा झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया इसी को लेकर लायर्स क्लब बार एसोसिएशन लॉयर्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन सोपा मांग पूरी न होने पर आंदोलन कों मजबूर होना पड़ेगा। प्रधानमंत्री जो हिन्दुस्तान के अधिवक्ताओं ने अनगिनत बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन प्रतिवेदन दिये लेकिन आज तक सरकार की कान में जूं तक नहीं रेंगी जों अपने ही किये वादों से लगातार सुकर रही हैं। संक्षिप्त में मैं अपनी संस्था के माध्यम से आपका ध्यान सरकार द्वारा किये गये वादों की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ। नई दिल्ली में पण्डित कन्हैयालाल मिथ मेमोरियल कमेटी द्वारा आयोजित सेमिनार में केंद्रीय कानून मन्त्री माननीय अर्जुनराम मेघवाल ने आश्वस्त किया था की सरकार वकीलों के मेडिकल एवं जनरल इन्स्युरेंस की दिशा में गंभीर हैं तथा आंकड़े मिलने पर सकारात्मक निर्णय लेने की तथा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर भी सकारात्मक विचार सरकार करेगी। इसी प्रकार इसके पूर्व भी पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मन्त्री भारत सरकार माननीय रविशंकर प्रसाद ने भी 13 फरवरी 2012 व 3 जून 2019 को नई दिल्ली में प्रेस सम्मेलन में ऐलान किया था की देश वकीलों के श्री नरेन्द्र मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब बार कल्याण के लिये हमने एक कमेटी गठित की हैं जों तीन माह में रिपोर्ट मिलने पर इन्सुरेंस सहित 5 मांगे शामिल हैं सरकार उन्हें तुरंत लागू करेगी। इसी प्रकार माननीय प्रधान मन्त्री काउंसिल आफ इण्डिया के स्वर्ण जयंती समारोह में 1 मार्च 2014 को कहा था की अगर मैं भारत का प्रधान मन्त्री बना तों केंद्र सरकार के बजट में अधिवक्ताओं के लिये अलग से बजट का प्रावधान करूंगा। माननीय जी इतने सारे सरकार द्वारा वादे किये जाने के बावजूद आज़ तक देश के अधिवक्ताओं की एक भी मांग नहीं मानी गयी जिसके कारण आज़ आम अधिवक्ता असमंजस की स्थिति में हैं। ज्ञापन के माध्यम से
उत्तर प्रदेश एडवोकेट एक्ट 1974 में हमारी बुनियादी मांगों में संशोधन कर अधिवक्ता कल्याण निधि 15 लाख किया जावे तथा 60 वर्ष की उम्र होने के पश्चात् इसे अधिवक्ता को प्रदान की जाय। देश के किसी भी प्रैक्टिशनर अधिवक्ता को 60 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद प्रतिमाह ₹30000 पेंशन उसके अंतिम समय तक दिया जावे तथा अधिवक्ता की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को पेंशन प्रदान की जाय।प्रत्येक अधिवक्ता का 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा तथा अधिवक्ता को लाइब्रेरी मेंटेन करने के लिए ₹2000 प्रतिमाह अनुदान दिया जाय।किसी भी विधि छात्र के द्वारा अधिवक्ता पेशे को अपनाये जाने पर बतौर स्टाइपेंड उसे ₹10000 प्रतिमाह दिया जाए। देश की प्रत्येक न्यायालय में बहुमंजलीय इमारतों का निर्माण करा कर अधिवक्ताओं को चैंबर प्रदान किए जाएं। देश में किसी भी अधिवक्ता की आकस्मिक दुर्घटना से मृत्यु होने पर मृतक आश्रितों को 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाय। ज्ञापन देने वालों में सर्व श्री दिनेश चंद्र वर्मा अध्यक्ष, उमाशंकर त्यागी एडवोकेट चेयरमेन लायर्स क्लब,शेष कुमार वाजपेयी रमाकांत मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष,राजू यादव महामंत्री,पंडित रविंद्र शर्मा राकेश तिवारी हरी शुक्ला राहुल शुक्ला चंदन पांडेय अनिल बाबू चौधरी शिव प्रकाश पाल अमर सिंह एडवोकेट नरेन्द्र कुमार यादव एडवोकेट जगजीवन राम एडवोकेट राघुवेन्द्र सिंह पाल एडवोकेट बाबूराम सचान एडवोकेट शिव करन सिंह यादव एडवोकेट शाकिर अली एडवोकेट रोहित सिंह यादव शिव प्रकाश सिंह पाल एडवोकेट विजय प्रकाश वर्मा एडवोकेट नीरज कुमार पासी एडवोकेट विमल पासवान एडवोकेट तेज बहादुर पाल एडवोकेट देवनारायण पाल एडवोकेट आर डी शुक्ला एडवोकेट दिनेश सिंह राठौड़ एडवोकेट नीलम वर्मा एडवोकेट बाबूलाल वर्मा एडवोकेट बालकिशन यादव एडवोकेट विशाल पाल एडवोकेट अंकुर पाल एडवोकेट वी डी दुबे एडवोकेट सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।